सतना में कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस की जनसुनवाई में 134 लोगों ने अपनी समस्याएँ रखीं। नेत्रहीन छात्रा शामुंडी नेमा की आपबीती ने सभी को भावुक कर दिया। कलेक्टर ने समाधान का आश्वासन दिया। जगतदेव तालाब संरक्षण, जमीन विवाद, अवैध कब्जा और प्रमाण पत्र संबंधी मामलों पर तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए गए।
By: Yogesh Patel
Sep 03, 20256:17 PM
हाइलाइट्स
सतना, स्टार समाचार वेब
सरकार ने आम जनमानस की तकलीफों को कम करने के लिए जनसुनवाई शुरू की है लेकिन कई मामलों में मैदानी अमले के समस्या निराकरण में संजीदगी न दिखाने के कारण लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। मंगलवार को आयोजित हुई जनसुनवाई में ऐसे ही कई मामले सामने आए। कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई में जिले के दूर-दराज के क्षेत्रों से आये 134 आवेदकों से उनकी समस्यायें सुनी और अधिकारियों को तत्काल निराकरण के निर्देश दिये। इस मौके पर अपर कलेक्टर विकास सिंह, डिप्टी कलेक्टर बीके मिश्रा सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। जनसुनवाई में जमीन का सीमांकन कराने, अनुकंपा नियुक्ति, खाद्यान पात्रता पर्ची, दाखिल-खारिज कराने, प्रधानमंत्री आवास योजना, अवैध कब्जा हटाने, विद्युत समस्या, जमीन का कब्जा दिलाने, सीमांकन कराने, चिकित्सा सहायता, रोजगार दिलाने, भरण-पोषण और संबल योजना के लाभ संबंधी आवेदन लेकर जनसुनवाई में पहुंचे।
नेत्रहीन शामुंडी की आपबीती सुन पसीज गए कलेक्टर
मंगलवार को नेत्रहीन किन्तु साहसी शामुंडी नेमा भी समाधान की तलाश में कलेक्ट्रेट पहुंची। पांच साल की उम्र में मां-बाप का साया छूूटने व भाई के बिछड़ने के बाद भी शामुंडी ने हौसला नहीं खोया और पढ़-लिखकर जिंदगी संवारने के प्रयास किए लेकिन इस प्रयास में अब प्रमाण पत्र बाधा बन रहे हैं। डा. लालता प्रसाद खरे चैरिटेबिल ट्रस्ट चंद्राश्रय स्थित में रहने वाली नेत्रहीन छात्रा शांमुंडी नेमा लखनऊ स्थित डा. शकुंतला प्रसाद मिश्रा नेशनल ब्लांइड कालेज में बीए तृतीय वर्ष की पढ़ाई कर रही हैं। स्कूली परीक्षा में सदैव प्रथम स्थान हासिल करने वाली शामुंडी ने बताया कि उसका न तो निवास प्रमाण पत्र बन रहा है और न ही जाति प्रमाण पत्र, जिसके कारण न तो उसे छात्रवृत्ति मिलती और न ही शासकीय योजनाओं का लाभ। शामुंडी के अनुसार वह मूल रूप से असम के गोवाहाटी की रहने वाली है। वर्ष 2006 में भाई दीपदास के साथ वह सतना पहुंची थी जहां उसे स्व. डा. लालता प्रसाद खरे ने मानवता का परिचय देते हुए उसे आश्रय दिया था। शामुंडी की बातें सुनकर कलेक्टर भी द्रवित हो उठे और उन्होंने आश्वस्त किया कि उसकी समस्या के समाधान का रास्ता निकाला जाएगा। कलेक्टर ने उसे खूब पढ़ लिखकर आगे बढ़ने का हौसला भी दिया।
जगतदेव तालाब को बचाइए
जनसुनवाई में जगतदेव तालाब के संरक्षण का मामला भी उठा। जन सुनवाई में फरियाद सुनाने पहुंचे प्रदुम्न द्विवेदी ने कलेक्टर से आग्रह किया कि आधे शहर के भूजल स्तर को नियंत्रित करने वाले जगतदेव तालाब को भू माफिया से बचाया जाए और संरक्षण व सौंदर्यींकरण कर शहर की इस विरासत को सहेजा जाए।
भटकता मिला ग्रामीण
नागौद तहसील अन्तर्गत डिलौरा निवासी राम किशोर दाहिया वारिसाना को लेकर भटकता मिला। उसने बताया कि उसकी आराजी को मुकुंदी कोटवार ने फर्जी वारिसाना तैयार कर अपने नाम करा लिया है लेकिन एसडीएम कई आवेदनों के बाद भी सुनने को तैयार नही हैं।