सतना जिला पंचायत की संचार-संक्रम स्थाई समिति की 6 माह बाद हुई बैठक अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गई। विभागों की गैरहाजिरी और अपूर्ण रिपोर्टिंग के चलते दो घंटे की बैठक बेनतीजा रही।
By: Yogesh Patel
Jul 16, 20258 hours ago
सतना, स्टार समाचार वेब
जिला पंचायत में 6 माह बाद आयोजित हुई संचार- संकर्म स्थाई समिति की बैठक एक बार पुन: अव्यवस्थाओं के बीच हुई। हालात यह रहे कि एजेंडे में शामिल बैठक में लोक निर्माण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, जल निगम, जिला पंचायत विभाग समेत कई विभागों से न तो कोई जानकारी और न ही कोई अधिकारी -कर्मचारी आया। हालंकि ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क विभाग व लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से जानकारी के साथ पहुंचे विभाग प्रमुख व उनके सहायकों ने बैठक का कोरम पूरा किया। जिन विभागों के अधिकारी बैठक से अनुपस्थित रहे उन्हें बैठक में उपस्थित न होने का लिखित कारण के साथ अगली बैठक में जानकारी के साथ उपस्थित होने निर्देशित किया गया है। इतना ही नहीं स्थाई समिति के सचिव के विभाग द्वारा दी गई जानकारियां भी अपूर्ण व अस्पष्ट थीं, जिसे विभाग प्रमुख ने स्वयं स्वीकार कर कार्रवाई रजिस्टर में अपनी कमी को उल्लेखित कराया। नतीजतन दो घंटे से ज्यादा समय तक चली बैठक बेनतीजा रही। न तो 6 माह पूर्व हुई बैठक का पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया और न ही शासन की अति महत्वपूर्ण जल गंगा संवर्धन अभियान की समीक्षा हो पाई। हमेशा की तरह कागजों में संख्यात्मक जानकारी को समेटने प्रयास किया गया। बैठक में सभापति ज्ञानेन्द्र सिंह ज्ञानू, सुभाष बुनकर, जयंती तिवारी, महेन्द्र सिंह शामिल रहे।
प्रतिनिधियों ने किया व्यवधान, सदस्य ने किया हस्ताक्षेप
जिला पंचायत सदस्य जान्हवी यादव व सावित्री त्रिपाठी के प्रतिनिधि चालू बैठक के बीच में ही आकर बैठ गए। बैठक में बार-बार चर्चा के दौरान एजेंडे के बाहर अन्य विषयों को लेकर व्यवधान पैदा करने पर बैठक की अध्यक्षता कर रहे ज्ञानेन्द्र सिंह ज्ञानू ने हस्ताक्षेप किया तब अनाधिकृत रूप से बैठक में पहुंचे सदस्य प्रतिनिधियों ने कहा कि उन्हें विधायक ने बैठक में शामिल होने अधिकृत किया है। इस पर जब सीईओ जिला पंचायत से जानकारी मांगी गई तब उनके द्वारा पंचायती राज अधिनियम की किताब से एक पेज की फोटोकापी भिजवाकर पढ़ लेने को कहा गया। तीन साल की अवधि के दौरान ऐसा पहला अवसर था जब बैठक के दौरान हुई चर्चा की कार्रवाई को रजिस्टर में लिखा गया। इनके लिए स्थाई समिति के सचिव द्वारा अपने विभाग से कार्रवाई लिखने के लिए कार्रवाई लेखक को लाया गया था।