सतना जिले के सितपुरा-छींदा मार्ग की हालत बद से बदतर, बारिश में दलदल और गड्ढों से ग्रामीण परेशान। ट्रक-ट्रैक्टर फंसने से जाम लगा, प्रशासन चुप। एक माह से मरम्मत की मांग अनसुनी, सड़क पर धान रोपने के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई। अब ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन धरने का एलान किया है। जानिए पूरा मामला।
By: Yogesh Patel
Aug 04, 2025just now
हाइलाइट्स
सतना, स्टार समाचार वेब
शनिवार की सुबह से जारी रिमझिम बारिश ने जहां उमस का सामना कर रहे जिलावासियों को राहत प्रदान की है तो वहीं छींदा, बचवई समेत तकरीबन एक दर्जन गांवों के ग्रामीणों की मुसीबत बढ़ा दी है। बारिश से दलदल व तलैया में तब्दील हुए सितपुरा-छींदा सड़क मार्ग के गड्ढों में ट्रक, टैक्टर व मालवाहक वाहन फंसते रहे जिसके चलते इस सड़क मार्ग पर जाम लगता रहा। गड्ढों में फंसे वाहनों को निकालने ट्रैक्टर का सहारा लेना पड़ा। दोपहियावाहन चालकों को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ा। अब इसे राज्यमंत्री के क्षेत्र की सड़क की अधिकारियों द्वार की जा रही उपेक्षा कहें या फिर प्रशासनिक संवेदनहीनता कि बीते एक माह से ग्रामीणों द्वारा सड़क मरम्मत की मांग को अधिकारी नतरंदाज कर रहे हैं, जबकि ग्रामीण विरोध स्वरूप सड़क पर धान तक रोप चुके हैं। यदि सड़क निर्माण का जिम्मा संभाल रहे संबंधित विभाग के अधिकारी राज्यमंत्री के क्षेत्र की ही सड़क की जब ऐसी उपेक्षा कर रहे हैं तो दूसरे क्षेत्रों के ग्रामीणों की कितनी पुकार सुनते होंगे, इसका अंदाजा सहसा ही लगाया जा सकता है।
अब अनिश्चित कालीन धरना-प्रदर्शन की तैयारी
सड़क पर धान रोपने के बाद भी सड़क निर्माण की कवायदें शुरू न होने से नाराज ग्रामीणों ने अब उग्र प्रदर्शन की तैयारी की है। गौरतलब है कि बीते दिनों ग्रामीणों ने सड़क पर धान रोपकर आला अधिकारियों व सत्तापक्ष के जनप्रतिनिधियों का ध्यान जर्जर सड़क की ओर आकृष्ट कराया था।इस प्रदर्शन में सोहावल ब्लाक कांग्रेस के पदाधिकारी भी प्रदेशसचिव राजभान सिंह के नेतृत्व में शामिल हुए थे। बावजूद इसके न तो अफसरों के और न ही जनप्रतिनिधियों के कानों में जूं रेंगी है और सड़क जस की तस है। यहां तक कि बारिश के मद्देनजर गड्ढे तक नहीं भरे गए। अब यही गड्ढे जानलेवा बने हुए हैं। शुक्रवार को सड़क के गडढे में वाहन फंस गए जिसका सिलसिला शनिवार को भी चलता रहा। बचवई उप सरपंच आरवेंद्र सिंह गांधी ने कहा कि सड़क में वाहन फंस रहे हैं और लोग दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं लेकिन प्रशासन संवेदनहीन बना हुआ है। यदि प्रशासन का रवैया सड़क को लेकर ऐसा ही रहा तो अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा। सड़क निर्माण को लेकर बरहा , बचवई, हरदुआ, छींदा, खम्हरिया, पटना, बड़ी खम्हरिया, रजरवार, महाकोना आदि गांवों के प्रवीण बागरी बेटा, भोलू सिंह भूलनी, लकी सिंह, धर्मेंद्र रजक, अनुराग गर्ग, सुशील चौधरी, रानी बुनकर, रावेंद्र सिंह, राजबहादुर बागरी ,धन्नू सिंह, गुड्डू सिंह, रामू सिंह, उज्जवल नन्हे सिंह ,पंकज द्विवेदी, लल्ला महराज, बादल सिंह, दद्दू , रामफल चौधरी, कमलेश दाहिया, रज्जन पाल,संतोष कोरी , राजमन सिंह समेत कई ग्रामीणों ने आंदोलन की चेतावनी देते हुए कहा कि सितपुरा-छींदा मार्ग की हालत इतनी खराब है कि राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई बार शिकायतों के बावजूद प्रशासन चुप बैठा है। जगह-जगह गड्ढों और कीचड़ से भरे इस मार्ग पर अब आवाजाही खतरे से खाली नहीं है । ग्रामीणों ने कहा कि क्षेत्र में पिछले पांच वर्षों से लगातार आवाज उठाई जा रही है लेकिन न तो क्षेत्र की विधायक ने कोई सुध ली ,न जिला प्रशासन और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अधिकारियों ने कोई कारगर कदम उठाया है। ऐसे में हम आंदोलन के लिए बाध्य हैं।