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सतना का सेंट माइकल विद्यालय पारिवारिक विवाद की चपेट में, प्राचार्या को हटाने और करोड़ों के लेन-देन पर गंभीर आरोप

सतना के सेंट माइकल विद्यालय में पारिवारिक विवाद खुलकर सामने आया है। कोषाध्यक्ष व उपाध्यक्ष ने प्रेसवार्ता कर प्राचार्या को हटाने, विद्यालय पर कब्जा करने और 20-20 लाख के चेक जारी करने जैसे गंभीर आरोप लगाए।

By: Star News

Aug 23, 20253:24 PM

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सतना का सेंट माइकल विद्यालय पारिवारिक विवाद की चपेट में, प्राचार्या को हटाने और करोड़ों के लेन-देन पर गंभीर आरोप

हाइलाइट्स

  • प्राचार्या सलोमी चोफिन को उम्र का बहाना बनाकर हटाने का आरोप।
  • विद्यालय मद से 40 लाख रुपये के चेक जारी किए जाने पर सवाल।
  • समिति की बैठकें न होने और मनमाने फैसलों की शिकायत।

सतना, स्टार समाचार वेब

शहर के प्रतिष्ठित व अग्रणी विद्यालयों में शुमार सेंट माइकल विद्यालय पारिवारिक विवाद से घिरता नजर आ रहा है। शुक्रवार को सेंट माइकल विद्यालय की कोषाध्यक्ष रोमा वेंजमिन व उपाध्यक्ष जूही भाटिया ने प्रेसवार्ता कर कई संज्ञान आरोप लगाए हैं। इस दौरान ज्वेल बेंजमिन व उनकी पत्नी पूजा वेंजमिन पर आरोप लगाते हुए बताया गया कि सेंट माइकल की प्राचार्या सलोमी चोफिन को उम्र का बहाना कर बाहर कर दिया गया जबकि वे अभी भी सीबीएसई संचालित विद्यालय की प्राचार्या हैं। आरोप लगाए गए कि श्रीमती चौफिन को प्राचार्य पद से इसलिए बाहर किया गया क्योंकि वे भाई ज्वेल वेंजमिन द्वारा जारी चेकों पर आंख मूंद कर हस्ताक्षर नहीं करती थीं। प्रेसवार्ता में रोमा व जूही ने संयुक्त रूप से बताया कि श्रीमती चौफिन को बाहर का रास्ता दिखाने के बाद विद्यालय पर कब्जा कर लिया गया है और नागेन्द्र गर्ग को प्रभारी प्राचार्य बनाकर 20 लाख का चेक अतुल बोड़ारिया के नाम जारी किया गया है। बताया गया कि बाद में नागेन्द्र गर्ग से प्रभार लेकर ज्वेल व पूजा के करीबी कनिष्ठ शिक्षक मनोज वर्मा को प्राचार्य बना दिया गया। वार्ता में आरोप लगाए गए कि 13 फरवरी 2024 को 20 लाख का चेक क्र. 51548 तथा 27 फरवरी को 20 लाख का चेक क्र. 51495 प्राचार्य मनोज वर्मा एंव ज्वैल वेंजमिन के संयुक्त हस्ताक्षर से अतुल बोरारिया की फर्म के नाम विद्यालय मद से जारी किया गया है जो नियम विरुद्ध है क्योंकि समिति का कर्ज विद्यालय प्रबंधन चुकाने के लिए बाध्य नहीं है। 

ये आरोप भी लगाए 

  • कर्मचारियों को उचित कारण बताए बर्खास्त किया गया जिससे पठन- पाठन का कार्य प्रभावित 
  • 23 जून 2024 के बाद समिति की कोई बैठक नहीं हुई 
  • पदाधिकारियों को बैठक व निर्णयों की कोई जानकारी नहीं दी जाती

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