नर्मदापुरम स्टेशन पर अर्धनग्न होकर प्रदर्शन; दुरंतो एक्सप्रेस से वापस भेजा जाएगा
By: Gulab rohit
Nov 18, 202511:09 PM
नर्मदापुरम। चेन्नई से नई दिल्ली प्रदर्शन के लिए जा रहे तमिलनाडु के 225 किसानों को मंगलवार शाम नर्मदापुरम और इटारसी रेलवे स्टेशन पर रोक लिया गया। पुलिस और रेलवे सुरक्षा बल ने उन्हें जीटी एक्सप्रेस और तमिलनाडु एक्सप्रेस से उतारा। इस दौरान कई किसानों ने अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। स्थिति बिगड़ने पर प्लेटफॉर्म पर अफरा-तफरी मच गई।
ट्रेनों के दो घंटे से अधिक समय तक खड़े रहने से यात्रियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी। किसानों को बाद में बसों से नर्मदापुरम के स्वयंवरम गार्डन में ले जाया गया, जहां भोजन और ठहरने की व्यवस्था की गई।
नर्मदापुरम में स्पेशल परमिशन लेकर रोका जाएगा
सभी किसानों को हजरत निजामुद्दीन से चेन्नई जाने वाली दुरंतो सुपरफास्ट ट्रेन से चेन्नई के लिए रवाना किया जाएगा। दुरंतो एक्सप्रेस में दिल्ली से ही दो स्लीपर कोच लगा कर आ रहे हैं। ट्रेन का स्टॉपेज रानी कमलापति से सीधा नागपुर है। पर इसे नर्मदापुरम रेलवे स्टेशन पर स्पेशल परमिशन लेकर रोका जाएगा। जिसके लिए रेलवे स्टेशन पर काफी व्यवस्था की गई है। सुरक्षा के लिए पुलिस, आरपीएफ और जीआरपी की टीम लगी है।
जंतर-मंतर पर प्रदर्शन की थी योजना
'राष्ट्रीय दक्षिण भारतीय नदी संपर्क किसान संगठन' के किसान सोमवार को चेन्नई से दिल्ली के लिए रवाना हुए थे। संगठन के करीब 200 सदस्य जीटी एक्सप्रेस और 50 से अधिक सदस्य तमिलनाडु एक्सप्रेस से दिल्ली जा रहे थे। बुधवार को जंतर-मंतर पर आंदोलन करने की उनकी योजना थी।
दिल्ली से मिला था इनपुट, दो एसपी को लगाया
चेन्नई से रवाना होने के साथ ही खुफिया एजेंसियां किसानों की हर मूवमेंट पर नजर रखे हुए थीं। पिछले वर्ष भी इन्हें नर्मदापुरम में रोका गया था, इसलिए दोनों स्टेशनों पर पहले से प्लानिंग की गई। नर्मदापुरम में पूर्व एसपी डॉ. गुरकरण सिंह को विशेष रूप से रतलाम से बुलाया गया, जबकि इटारसी में हरदा एसपी शशांक को कमान दी गई। दोनों जगहों पर दोपहर से ही भारी पुलिस बल तैनात रहा।
6 से ज्यादा जिलों से फोर्स को बुलाया गया
किसानों को दिल्ली से पहले रोकने के लिए नर्मदापुरम और इटारसी स्टेशन पर उतारने की तैयारी की गई थी। सुरक्षा और कार्रवाई के लिए नर्मदापुरम, हरदा, रायसेन, सीहोर, भोपाल और छिंदवाड़ा समेत अन्य जिलों से पुलिस, आरपीएफ और जीआरपी का फोर्स बुलाया गया है। यह भारी पुलिस बल दोपहर 3 बजे से नर्मदापुरम रेलवे स्टेशन पर तैनात था।
इन 6 सूत्रीय मांगों को लेकर जा रहे दिल्ली
कृषि उत्पादों के लिए 2 गुना लाभदायक मूल्य निर्धारित करना।
व्यक्तिगत किसानों के लिए फसल बीमा योजना लागू करना।
सभी किसानों के राष्ट्रीयकृत बैंक ऋण माफ करना।
तमिलनाडु को रेगिस्तान में बदलने से बचाने के लिए कर्नाटक में मेगदादु बांध परियोजना को रोकना।
60 वर्ष से अधिक आयु के किसानों के लिए 5000 रुपए मासिक पेंशन करना।
छात्रों द्वारा लिए गए सभी शैक्षिक ऋणों को माफ करना।
किसान संगठन बोला- पीएम अपना वादा पूरा करें
किसान संगठन के अध्यक्ष अय्या कन्नू ने बताया कि प्रधानमंत्री ने कृषि उत्पादों के लिए दो गुना लाभकारी मूल्य देने का वादा किया था। धान का मूल्य अगर ₹18 प्रति किलो है, तो गेहूं का भी ₹18 होना चाहिए। उन्होंने ₹54 देने का वादा किया था, लेकिन अब तक उन्होंने केवल ₹24 दिए हैं। उसी तरह, गन्ने का मूल्य ₹2,700 प्रति टन है। अब उन्होंने ₹8,100 देने का वादा किया था, लेकिन अभी तक केवल ₹3,160 ही दे रहे हैं। इसलिए, हम चाहते हैं प्रधानमंत्री अपना वादा पूरा करें।
किसान संगठन ने कहा- यह लोकतंत्र के खिलाफ
किसान संगठन के अध्यक्ष अय्या कन्नू ने बताया कि 600 से अधिक किसान आए थे। कुछ किसान तमिलनाडु एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे थे। अन्य किसानों को हिरासत में लिया गया। यह बहुत, बहुत बुरा है। लोकतंत्र में हमें कहीं भी जाने की स्वतंत्रता है। हमने रेलवे का पक्का टिकट लिया था। उसके बाद पुलिस आई और ट्रेन को रोककर हमें ट्रेन से उतार दिया। यह संविधान के खिलाफ है। यह लोकतंत्र के खिलाफ है।
चेन्नई और तमिलनाडु पुलिस ने ऐसे रोका
किसान संगठन के अध्यक्ष अय्या कन्नू और उसकी टीम पर तमिलनाडु की एलआईबी(लोकल इंटेलिजेंस ब्यूरो) 24 घंटे नजर रखती है। जब भी ये थोक में रिजर्वेशन करवाते है, एलआईबी सूचना दे देती हैं। बुधवार को उनका संगठन दिल्ली के जंतर-मंतर पर आंदोलन करने वाले थे। इसकी सूचना आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) और एलआईबी ने दी थी। चेन्नई से सोमवार को यह लोग ट्रेन में जैसे ही बैठे, पुलिस इन पर नजर रख रही थी। नागपुर से एमपी के कई पुलिसकर्मी सिविल ड्रेस में बैठ गए थे। वहीं चेन्नई से भी तमिलनाडु पुलिस ट्रेन में बैठ गई थी।
नदी जोड़ो और कावेरी जल मुद्दे से जुड़ा है संगठन
यह "राष्ट्रीय दक्षिण भारतीय नदी संपर्क किसान संगठन" है। यह वही संगठन है, जिसने तमिलनाडु में कावेरी जल मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया था। यह संगठन नदियों को आपस में जोड़ने की राष्ट्रीय परियोजना के विरोध में या उसमें भाग लेने वाले दक्षिण भारत के किसानों का प्रतिनिधित्व करता है।