मध्य प्रदेश सरकार ने बस परमिट नियमों में बड़ा संशोधन करने का फैसला किया है। अब बस का परमिट उसकी अधिकतम परिचालन आयु (राज्य में 15 वर्ष, अंतरराज्यीय 10 वर्ष) से अधिक अवधि के लिए जारी नहीं होगा। पुरानी बसों पर लगेगी रोक।
By: Ajay Tiwari
Nov 18, 20257:51 PM
भोपाल. स्टार समाचार वेब
मध्य प्रदेश की राज्य सरकार बस परमिट जारी करने के नियमों में एक महत्वपूर्ण बदलाव करने की तैयारी कर रही है। नई व्यवस्था के तहत, किसी भी बस के लिए रूट परमिट की अवधि उसकी निर्धारित अधिकतम आयु से अधिक नहीं होगी। उदाहरण के लिए, यदि कोई बस निर्माण की तारीख से अधिकतम 15 वर्ष तक ही संचालित हो सकती है, तो उसका परमिट भी अधिकतम 15 वर्ष तक के लिए ही वैध रहेगा।
वर्तमान में, बस परमिट पांच-पांच वर्ष की अवधि के लिए जारी किए जाते हैं। इस व्यवस्था के कारण कई मामलों में बसों के परमिट उनकी अधिकतम परिचालन सीमा, जो कि राज्य के भीतर 15 वर्ष और अंतरराज्यीय मार्गों पर 10 वर्ष है, से भी अधिक अवधि के लिए वैध दिखाई देते थे।
परिवहन सचिव मनीष सिंह द्वारा परिवहन आयुक्त को लिखे गए एक हालिया पत्र के बाद यह बदलाव आवश्यक हो गया है। सचिव ने अपने पत्र में 899 बसों की सूची भेजी है जिनके परमिट 15 वर्ष से अधिक अवधि के लिए जारी किए गए हैं। उन्होंने यह आशंका व्यक्त की है कि ये बसें अभी भी चल रही हो सकती हैं। इस पर संज्ञान लेते हुए, परिवहन आयुक्त कार्यालय अब ऐसे नियम लागू करने की दिशा में काम कर रहा है जो बसों के परमिट को उनकी अधिकतम परिचालन आयु तक ही सीमित रखेंगे।
अधिकारियों का कहना है कि पूर्व में पांच वर्ष की अवधि का परमिट इसलिए दिया जाता था ताकि बस की 15 वर्ष की आयु पूरी होने पर वाहन मालिक उसी रूट पर बिना नया परमिट लिए दूसरी बस चला सके। हालांकि, नई व्यवस्था इस प्रथा को समाप्त कर देगी, और परमिट की समयसीमा अब बस की अधिकतम आयु की सीमा को पार नहीं करेगी, जिससे सड़कों पर पुरानी और असुरक्षित बसों का संचालन रोका जा सके।