जस्टिस सूर्यकांत ने भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली है। उनका कार्यकाल 15 महीने का होगा और वह उखक भूषण आर गवई का स्थान लेंगे, जिन्होंने सेवानिवृत्ति से पहले परंपरा के अनुसार उनके नाम की सिफारिश की थी।
By: Arvind Mishra
Nov 24, 202510:43 AM

नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
जस्टिस सूर्यकांत आज भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ ली। वो सीजेआई बीआर गवई की जगह लेंगे। राष्ट्रपति भवन में हुए समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जस्टिस सूर्यकांत को सीजेआई पद की शपथ दिलाई है। इसके बाद सीजेआई सूर्यकांत ने माता-पिता के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। कार्यक्रम में उनके परिवार के सभी लोग शामिल हुए। इस मौके पर भूटान, मलेशिया, नेपाल और श्रीलंका समेत कई देशों के मुख्य न्यायाधीश भी मौजूद रहे। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। शपथ के बाद सीजेआई सूर्यकांत ने पीएम मोदी समेत अन्य लोगों से मुलाकात की। वे पूर्व सीजेआई बीआर गवई से गले मिले। भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में पहली बार किसी सीजेआई के शपथ ग्रहण में इतने बड़े अंतरराष्ट्रीय न्यायिक प्रतिनिधिमंडल की मौजूदगी रही।

वर्तमान सीजेआई बीआर गवई का कार्यकाल रविवार 23 नवंबर को खत्म हो गया। उनके बाद अब जस्टिस सूर्यकांत यह जिम्मेदारी संभालेंगे। जस्टिस सूर्यकांत 9 फरवरी 2027 को रिटायर होंगे और उनका कार्यकाल लगभग 15 महीने का होगा।
गौरतलब है कि सीजेआई गवई ने संविधान के अनुच्छेद 124 की धारा 2 के तहत अगले सीजेआई के लिए जस्टिस सूर्यकांत का नाम सामने रखा था। राष्ट्रपति ने इस पर मुहर लगाते हुए जस्टिस सूर्यकांत को देश का 53वां सीजेआई नियुक्त कर दिया है।
जस्टिस सूर्यकांत कई अहम फैसलों में सुप्रीम कोर्ट की बेंच का हिस्सा रह चुके हैं। अनुच्छेद 370 को रद करने से लेकर बिहार में एसआईआर पर सुनवाई तक, जस्टिस सूर्यकांत ने कई बड़े फैसले सुनाए हैं। उन्होंने चुनाव आयोग को एसआईआर के दौरान निकाले गए 65 लाख वोटरों की सूची जारी करने का आदेश दिया था।
10 फरवरी 1962 क हरियाणा के हिसार में जन्में जस्टिस सूर्यकांत ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से मास्टर्स की डिग्री हासिल की थी। वो हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। यहां सबसे खास बात यह है कि हरियाणा से पहली बार कोई जज सुप्रीम कोर्ट का सीजेआई बना है।