चीन जहां एक ओर भारत से सीमा विवाद सुलझाने का दावा कर रही रहा है। वहीं दूसरी ओर उसके अधिकारी अब अरुणाचल प्रदेश को चीन का हिस्सा करार दे रहे हैं। दरअसल, अरुणाचल प्रदेश में जन्मी और वर्तमान में यूनाइटेड किंगडम में रहने वाली भारतीय मूल की प्रेमा वांगजॉम थोंगडोक ने चीन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
By: Arvind Mishra
Nov 24, 202511:48 AM
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
चीन जहां एक ओर भारत से सीमा विवाद सुलझाने का दावा कर रही रहा है। वहीं दूसरी ओर उसके अधिकारी अब अरुणाचल प्रदेश को चीन का हिस्सा करार दे रहे हैं। दरअसल, अरुणाचल प्रदेश में जन्मी और वर्तमान में यूनाइटेड किंगडम में रहने वाली भारतीय मूल की प्रेमा वांगजॉम थोंगडोक ने चीन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि शंघाई पुडोंग एयरपोर्ट पर चीनी इमिग्रेशन अधिकारियों ने उनके भारतीय पासपोर्ट को मानने से इंकार कर दिया और उन्हें 18 घंटे तक हिरासत जैसी स्थिति में रखकर उत्पीड़ित किया। प्रेमा 21 नवंबर को लंदन से जापान जा रही थीं और शंघाई में उनका तीन घंटे का ट्रांजिट स्टॉप था, लेकिन इमिग्रेशन काउंटर पर अफसरों ने उनका पासपोर्ट इनवैलिडट बताते हुए साफ कहा-अरुणाचल प्रदेश चीन का हिस्सा है।
यही नहीं, भारतीय मूल की प्रेमा ने आरोप लगाया कि कई अधिकारी और चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस के कर्मचारी उन पर हंसते रहे। उनका मजाक उड़ाते रहे और यहां तक कहा कि आप चीनी पासपोर्ट के लिए आवेदन क्यों नहीं कर लेतीं हो।
ट्रांजिट के नाम पर शुरू हुआ यह मामला घंटों लंबा संघर्ष बन गया। प्रेमा ने दावा किया कि उन्हें न तो सही जानकारी दी गई, न पर्याप्त खाना, और न ही एयरपोर्ट की सामान्य सुविधाओं तक पहुंच। उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया गया और जापान के लिए उनकी अगली फ्लाइट पर भी उन्हें चढ़ने नहीं दिया गया, जबकि उनके पास वैध वीजा मौजूद था।
ट्रांजिट क्षेत्र में सीमित रहने के कारण वे नई टिकट नहीं खरीद सकीं, न खाने का सामान ले सकीं और न ही दूसरे टर्मिनल जा सकीं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अधिकारियों ने उन पर दबाव बनाया कि वे केवल चाइना ईस्टर्न की ही नई टिकट खरीदें, और संकेत दिया कि ऐसा करने पर ही उनका पासपोर्ट लौटाया जाएगा। इससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हुआ। फ्लाइट, होटल और बुकिंग सभी रद्द हो गईं।
आखिरकार यूके में एक दोस्त की मदद से वे भारतीय दूतावास से संपर्क कर पाईं। भारतीय अधिकारी देर रात एयरपोर्ट पहुंचे, उन्हें पासपोर्ट दिलाया और जापान के लिए रवाना किया। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्रालय और संबंधित अधिकारियों को एक विस्तृत शिकायत भेजते हुए इस घटना को भारत की संप्रभुता और अरुणाचलवासियों के सम्मान का सीधा अपमान बताया है। प्रेमा ने मांग की है कि सरकार चीन के सामने इस मुद्दे को उठाए, संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करे और भविष्य में अरुणाचल प्रदेश के लोगों को ऐसी परेशानियों से बचाया जाए।