वर्ष 2025 हर दिन के साथ अलविदा कहने की ओर बढ़ रहा है। यह वर्ष कालचक्र पर अंकित एक ऐसा अध्याय रहा, जहाँ आशा और निराशा के रंग देखने को मिले। राष्ट्रीय चेतना और मानवीय संघर्षों का एक दर्पण भी कहा जा सकता है। ऑपरेशन सिंदूर में दुनिया ने भारत की सैन्य ताकत को देखा।
By: Ajay Tiwari
Dec 23, 20251:13 AM
विशेष: स्टार समाचार विशेष
वर्ष 2025 हर दिन के साथ अलविदा कहने की ओर बढ़ रहा है। यह वर्ष कालचक्र पर अंकित एक ऐसा अध्याय रहा, जहाँ आशा और निराशा के रंग देखने को मिले। राष्ट्रीय चेतना और मानवीय संघर्षों का एक दर्पण भी कहा जा सकता है। ऑपरेशन सिंदूर में दुनिया ने भारत की सैन्य ताकत को देखा। एक ओर, जहाँ 'लाल गलियारे' के अंत की ओर निर्णायक कदम बढ़े, जिससे शांति की मंदार ध्वनि सुनाई दी, वहीं दूसरी ओर, दिल्ली और अन्य महानगरों में हुए हृदय विदारक हादसे (जैसे रेल दुर्घटनाएँ, विमान दुर्घटना और रेलवे स्टेशन पर भगदड़) ने क्षण भर में जीवन के कोमल ताने-बाने को तार-तार कर दिया, जीवन की क्षणभंगुरता का कड़वा सत्य उजागर किया।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को पाक समर्थित आतंकवादियों ने पर्यटकों पर अंधाधुन फायरिंग करके 27 बेगुनाह पर्यटकों की हत्या कर दी। इस हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। मोदी सरकार में 2014 के बाद से यह सबसे बड़े आतंकवादी हमलों में से एक था। आखिरकार तमाम हाई लेवल की जांच के बाद भारतीय सेना ने 7 मई 2025 की रात को पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च कर दिया। ऑपरेशन सिंदूर को लॉन्च करते हुए भारतीय की वायु सेना ने पाकिस्तान के 150 किलोमीटर तक अंदर घुसकर आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। इसमें की वो भी आतंकी ठिकाने शामिल थे, जहां से पहलगाम हमले की रणनीति बनाई गई थी। ऑपरेशन सिंदूर के तिलमिलाए पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई में सैन्य हमला किया। इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया और कूटनीतिक संकट पैदा हो गया। हालांकि, भारत-पाकिस्तान के डीजीएमओ लेवल की द्विपक्षीय बातचीत के बाद यह गतिरोध खत्म हो गया। 10 मई की शाम को भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई को रोक दिया।

साल 2025 नक्सली संगठनों पर कहर बनकर टूटा। जिस दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बस्तर में नक्सलवाद के पूर्ण खात्मे की समय-सीमा तय की थी, उसी दिन यह साफ हो गया था कि आने वाले समय में नक्सल नेटवर्क पर निर्णायक प्रहार होगा। अभियान का केंद्र छत्तीसगढ़ रहा, जिसने वर्षों तक नक्सली हिंसा का सबसे गहरा दंश झेला है। दिसंबर 2024 से नवंबर 2025 के बीच महज 11 महीनों में 320 नक्सली मारे गए। वहीं 680 नक्सलियों को गिरफ्तार किया और 1,225 को सरेंडर करवाया। वर्तमान हालात यह संकेत दे रहे हैं कि नक्सलवाद अपने अंतिम दौर में है। 2025 इतिहास में उस वर्ष के रूप में दर्ज होगा, जब नक्सली हिंसा निर्णायक रूप से टूट गई। मध्यप्रदेश से नक्सलवादी ढांचे का अंतिम किला भी ढह गया है। मध्य प्रदेश सरकार ने नक्सल प्रभाव मुक्त राज्य घोषित कर दिया है। मध्य प्रदेश के तीन जिले बालाघाट, डिंडोरी और मंडला नक्सल प्रभावित थे, जो दीपक उइके और रोहित के सरेंडर के बाद पूरी तरह नक्सलमुक्त हो चुके हैं। खास बात ये है कि मध्य प्रदेश सरकार ने ये उपलब्धि निर्धारित समय से पहले ही हासिल कर ली है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र बालाघाट में 11 दिसंबर को आखिरी दो नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया। मध्य प्रदेश सरकार ने सूबे को नक्सल मुक्त बनाने के लिए 26 जनवरी की तारीख तय कर रखी थी, लेकिन लक्ष्य डेढ़ महीने पहले ही हासिल हो गया। केंद्र सरकार ने मार्च-2026 का लक्ष्य रखा ह। मध्य प्रदेश ने इस मामले में पहले ही बाजी मार ली। 2025 में अकेले मध्य प्रदेश में, राज्य की पुलिस ने 13 नक्सलियों को आत्मसमर्पण कराया, जबकि 10 एनकाउंटर में मारे गए।

दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर 2025 हुए कार विस्फोट में 15 लोगों की मौत और 20 से अधिक घायल हुए। ये ब्लास्ट एक आतंकी साजिश थी। इस मामले में देश भर में छापे पड़े और कई गिरफ्तारियां हुईं। एनआईए ने आमीर राशिद अली को गिरफ्तार किया था। आतंकी आमीर मूल रूप से कश्मीरी है। आमिर ने उमर के साथ मिलकर इस धमाके की साजिश रची थी। इतना ही नहीं दिल्ली में धमाके में जिस कार का इस्तेमाल किया गया था वो भी आमिर राशिद अली की थी। एनआईए ने इस धमाके को सुसाइड अटैक माना है। यहां सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस हमले में अधिकांश आतंकी डॉक्टर थे और मौलाना। अब तक नौ आतंकियों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

विकसित भारत गारंटी रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) (वीबी-जी राम जी) विधेयक, 2025 लोकसभा में पास हो गया। यह 20 साल पुराने मनरेगा की जगह लेगा। वीबी-जी राम जी बिल का उद्देश्य 125 दिनों के वेतन रोजगार की वैधानिक गारंटी प्रदान करके विकसित भारत 2047 के राष्ट्रीय दृष्टिकोण के अनुरूप ग्रामीण विकास ढांचा स्थापित करना है। वीबी जी राम जी 2005 से चले आ रहे मनरेगा कानून की जगह लेगा। एक बड़ा बदलाव एग्री-पॉज के रूप में आया है। इसमें बोवनी और कटाई के पीक सीजन के दौरान साल में कुल 60 दिनों तक सरकारी काम बंद रहेगा। इसका उद्देश्य कृषि कार्यों के लिए मजदूरों की कमी को रोकना है ताकि खेती और सरकारी रोजगार के बीच टकराव न हो। मजदूरों को उनकी मजदूरी का भुगतान साप्ताहिक आधार पर या अधिकतम 15 दिनों के भीतर करना अनिवार्य होगा।

भारत चुनाव आयोग जून और जुलाई 2025 में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कराने की घोषणा की। राज्य में एसआईआर का विपक्ष ने कड़ा विरोध किया और इसे वोट चोरी से जोड़ा। हालांकि, आयोग ने आरोपों को खारिज करते हुए आगे कदम बढ़ाया। सबसे पहले बिहार में 24 जून से 25 जुलाई तक एसआईआर के तहत मतदाताओं की गणना की गई। जिसमें 65 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए। बिहार के बाद आयोग ने 27 अक्टूबर 2025 को देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में एसआईआर के दूसरे चरण की घोषणा की। नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर का दूसरा चरण 4 नवंबर 2025 को शुरू हुआ, इनमें तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी और राजस्थान शामिल हैं। सभी राज्यों में लाखों फर्जी मतदाताओं के नाम काटे गए। वहीं एसआईआर के दूसरे चरण के दौरान काम के भारी दबाव के कारण कई राज्यों में बीएलओ की मौत की दुखद घटनाएं भी सामने आई हैं। जिसमें दावा किया गया कि 50 से ज्यादा बीएलओ ने आत्महत्या कर ली है। इसका मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। हालांकि प्रक्रिया प्रभावित नहीं हुई और 23 दिसंबर को पूरी करा ली गई।

परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने और 2047 के स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों को पूरा करने के लिए लाया गया सस्टेनेबल हॉर्नेसिंग एंड एडवांसमेंट आॅफ न्यूक्लियर एनर्जी फार ट्रांसफार्मिंग इंडिया (शांति) विधेयक संसद के दोनों सदनों में पारित हो चुका है। यह विधेयक परमाणु ऊर्जा अधिनियम, 1962 और परमाणु क्षति के लिए नागरिक दायित्व अधिनियम के प्रावधान को सुव्यवस्थित करता है। यह विधेयक राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किए बिना 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा क्षमता के राष्ट्रीय लक्ष्य प्राप्त करने के लिए जिम्मेदार निजी और संयुक्त उद्यम भागीदारी को सक्षम बनाता है। यह विधेयक परमाणु क्षेत्र को शर्तों के तहत निजीकरण के लिए खोलता है, जो स्पेस सेक्टर को निजी क्षेत्र के लिए खोले जाने के बाद आया है। इसके साथ ही प्रयुक्त ईंधन के प्रबंधन की जिम्मेदारी भी सरकार के पास रहेगी।

साल-2025 में 22 सितंबर से देशभर में लागू हुई नई जीएसटी दरों के साथ अब रोजमर्रा की अधिकतर वस्तुओं पर जनता को राहत मिली। भारत में जीएसटी में 2017 में लागू होने के बाद से अब तक का सबसे बड़ा बदलाव किया गया है। जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में सरकार ने एक सरलीकृत संरचना को मंजूरी दी, जिसके तहत पुरानी बहुस्तरीय प्रणाली (0, 5, 12, 18 और 28 फीसदी) को घटाकर केवल दो मुख्य स्लैब-5 और 18 फीसदी में बदल दिया गया है। साथ ही कुछ चुनिंदा वस्तुओं के लिए 40 प्रतिशत का पाप और विलासिता स्लैब भी जोड़ा गया है। यह सुधार 22 सितंबर से प्रभावी हो गया है।

वक्फ (संशोधन) विधेयक-2025 अप्रैल में संसद के दोनों सदनों में पारित किया गया। यह विधेयक मोदी सरकार बनाम विपक्ष हो गया था। इस विधेयक के जरिए सरकार देशभर में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही लाना चाहती थी। यह विधेयक 1995 के वक्फ अधिनियम में संशोधन करने वाला था, साथ ही 1923 के पुराने कानून को निरस्त करने वाला है। विधेयक में वक्फ की परिभाषा, पंजीकरण और प्रबंधन में सुधार जैसे कई बदलाव शामिल हैं, जिससे अब वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिमों और महिलाओं को शामिल किया जा सकेगा।
हादसा का साल

2 जून, 2025 का मनहूस दिन, जब अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर यात्री विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जहां विमान में सवार 241 यात्री और चालक दल के सदस्य मारे गए। हालांकि एक यात्री की आश्चर्यजनक रूप से जान बच गई। यह साल 2025 की दुनिया की सबसे बड़ी विमानन त्रासदी थी, जिसने देश में विमानन सुरक्षा मानकों पर भी सवाल खड़े किए।

13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक प्रयागराज में आयोजित हुए कुंभ मेले में इस बार रिकॉर्ड 66 करोड़ लोगों ने स्नान किया। इस दौरान महाकुंभ में 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के मौके पर संगम तट के पास भगदड़ मच गई। संगमनोज पर स्नान करने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी और भगदड़ मच गई। जिसमें ब्रह्म बेला का इंतजार कर रहे 37 श्रद्धालुओं की जान चली गई, जबकि 60 लोग घायल हो गए।

वर्ष 2025 जाते-जाते भी जख्म दे गया, जब 6 दिसंबर को गोवा के अरपोरा में नाइट क्लब में लगी भीषण आग ने 25 जिंदगियां लील लीं। मस्ती का अड्डा कुछ ही मिनटों में श्मशान में तब्दील हो गया। इस दुर्घटना के बाद सरकार, प्रशासन और पुलिस सभी कठघरे में हैं। कई लोग बाहर निकलने का रास्ता नहीं खोज पाए और दम घुटने से उनकी मौत हो गई।

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की टीम द्वारा आईपीएल फाइनल जीतने के बाद 4 जून 2025 को बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में विजेता टीम के साथ अन्य हस्तियां भी पहुंची थीं। बड़ी संख्या में लोग स्टेडियम के द्वारों पर एकत्रित हो गए। अचानक भगदड़ मच गई और देखते ही देखते जीत का जश्न मातमी चीखों में बदल गया। हादसे में 11 लोगों की मौत हुई और 30 से ज्यादा लोग घायल हो गए।

उत्तराखंड में 15 से 20 अगस्त के बीच बादलों ने बर्बादी की कहानी लिख दी। बादल फटने की घटनाओं राज्य के कई जिले और गांव बुरी तरह प्रभावित हुए। इस दौरान 70 से अधिक लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग लापता हो गए। घायलों की संख्या भी हजारों में थी। 15 से अधिक पुल और 100 किमी से अधिक सडकें तबाह हो गईं। 200 से अधिक मकान पूरी तरह से नष्ट हो गए। कई हेक्टेयर कृषि भूमि पूरी तरह से बह गई, और सैकड़ों पशुधन की मृत्यु हुई।

30 जून को तेलंगाना के संगारेड्डी जिले में हुए एक हादसे ने न सिर्फ तेलंगाना बल्कि पूरे देश को हिलाकर रख दिया, जब इस घटना में 46 लोगों की मौत हो गई और 33 लोग घायल हो गए। दरअसल, संगारेड्डी जिले के पाशमिलाराम में सिगाची इंडस्ट्रीज लिमिटेड के कारखाने में विस्फोट के बाद आग लग गई। विस्फोट इतना भीषण था कि पूरी इमारत ढह गई।

15 फरवरी 2025 को रात करीब 9:26 पर दिल्ली रेलवे स्टेशन 18 लोग भगदड़ में मारे गए जो कुंभ मेले में जा रहे थे। इनमें 14 महिलाएं, 3 बच्चे शामिल थे। इसी दौरान प्रयाग महाकुंभ मेले में तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक एसयूवी प्रयागराज में एक बस से टकरा गई, जिससे एसयूवी में सवार सभी 10 लोगों की मौत हो गई।

गुजरात में 1 अप्रैल 2025 को बनासकांठा जिले के दीसा में एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में बॉयलर फटने से भीषण आग लग गई, जिसमें मध्य प्रदेश के 21 मजदूरों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। धमाका इतना तेज था कि फैक्ट्री ढह गई। यह घटना अवैध फैक्ट्री और सुरक्षा मानकों की अनदेखी का मामला था, क्योंकि इस गोदाम का लाइसेंस भी समाप्त हो चुका था।