देश में बनीं 186 दवाइयों के सैंपल फेल हो गए हैं। इसमें सबसे ज्यादा दावा हिमाचल प्रदेश की हैं, जहां 45 दवाओं के सैंपल फेल पाए गए हैं। जून में आए ड्रग अलर्ट में सोलन जिले की 33, सिरमौर की नौ और ऊना जिले की तीन दवा कंपनियों के सैंपल फेल हुए हैं।
By: Arvind Mishra
Jun 21, 202548 minutes ago
देश में बनीं 186 दवाइयों के सैंपल फेल हो गए हैं। इसमें सबसे ज्यादा दावा हिमाचल प्रदेश की हैं, जहां 45 दवाओं के सैंपल फेल पाए गए हैं। जून में आए ड्रग अलर्ट में सोलन जिले की 33, सिरमौर की नौ और ऊना जिले की तीन दवा कंपनियों के सैंपल फेल हुए हैं। इनमें पेट के कीड़े मारने वाली दवा, सीने में जलन मिटाने वाला इंजेक्शन, बुखार में संक्रमण खत्म करने वाली दवा, गैस्ट्रिक के दौरान लगने वाला इंजेक्शन व बैक्टीरिया खत्म करने वाली दवाएं शामिल हैं। दरअसल, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। पूरे देश में 186 दवाइयों के सैंपल फेल पाए गए। सीडीएससीओ द्वारा जारी मई महीने के ड्रग अलर्ट के मुताबिक हिमाचल की दवाओं के सैंपल सीडीएससीओ व सेंट्रल लेबोरेटरी की जांच में खरा नहीं उतर पाए, जबकि 128 दवाओं के सैंपल अलग- अलग राज्यों की अपनी लेबोरेटरी की जांच में फेल पाए गए।
यहां चौंकाने वाली बात यह है कि बहुत से राज्यों ने अभी मई माह में जांची गई दवाइयों की रिपोर्ट सीडीएससीओ को नहीं दी। सभी राज्यों की जांच रिपोर्ट आने के बाद फेल दवाइयों की संख्या कई गुणा बढ़ेगी। यह चिंताजनक है कि क्योंकि इन दवाइयों को मरीज हजारों रुपए खर्च करके खरीदते हैं, मगर ये दवाएं किसी काम की नहीं।
जिन दवाइयों के सैंपल फेल हुए हैं, उनका उपयोग एसिडिटी, बुखार, पेट के अल्सर, हार्ट, हाई बीपी, सूजन और आर्थराइटिस जैसी बीमारियों के उपचार में इस्तेमाल किया जाता है। हिमाचल के कालाअंब, सोलन, बद्दी, बरोटीवाला, नालागढ़, पांवटा साहिब, ऊना और कांगड़ा के उद्योगों में सब स्टैंडर्ड दवाइयां बनाई जा रही है।
ड्रग अलर्ट में जिन उद्योगों की दवाओं के सैंपल फेल हुए है, उन सभी की कंपनियों को नोटिस जारी किए जाएंगे। संबंधित दवाओं का स्टॉक बाजार में नहीं भेजने के निर्देश दिए जाएंगे। जिन कंपनियों की दवाइयों के सैंपल बार-बार फेल हो रहे हैं, उन्हें चिह्नित कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मनीष कपूर, ड्रग कंट्रोलर, हिमाचल