बिहार चुनाव को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों और अधिकारियों के साथ बैठक की। जहां सत्तापक्ष ने राज्य में जल्द और एक चरण में विधानसभा चुनाव करने की मांग रखी है। जदयू सांसद ने कहा कि संजय कुमार झा कहते हैं कि हमने चुनाव आयोग के सामने अपनी बात रखी।
By: Arvind Mishra
Oct 04, 20252:35 PM
पटना। स्टार समाचार वेब
बिहार चुनाव को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों और अधिकारियों के साथ बैठक की। जहां सत्तापक्ष ने राज्य में जल्द और एक चरण में विधानसभा चुनाव करने की मांग रखी है। जदयू सांसद ने कहा कि संजय कुमार झा कहते हैं कि हमने चुनाव आयोग के सामने अपनी बात रखी। बिहार में एसआईआर हुआ है और बिहार देश को दिखाएगा कि एसआईआर कैसे होता है। हमने आयोग से मांग की है कि बिहार में एक चरण में चुनाव कराए जाएं। बिहार में कानून-व्यवस्था अच्छी स्थिति में है। अगर महाराष्ट्र में एक चरण में चुनाव हो सकते हैं, तो बिहार में क्यों नहीं। वहीं मुख्य चुनाव आयुक्त से मुलाकात के बाद, जेडी(यू) बिहार अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि हमारी पार्टी ने सुझाव दिया है कि चुनाव एक ही चरण में कराए जाने चाहिए। छठ पर्व के दौरान बाहर से आने वाले मतदाताओं को वोट डालने की सुविधा देने के लिए, चुनाव छठ पर्व के तुरंत बाद निर्धारित किए जाने चाहिए।
इधर, चुनाव आयोग ने शनिवार को एक संदेश में कहा- मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में, बिहार के सभी 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और चुनाव आयुक्त डॉ. विवेक जोशी, बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनोद गुंज्याल और आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा हुई।
चुनाव आयोग द्वारा बिहार विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा किसी भी समय किए जाने की उम्मीद है। यह समीक्षा भारत के चुनाव आयोग द्वारा 30 सितंबर को बिहार विधानसभा चुनावों के लिए अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद की जा रही है, जो विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के पूरा होने का प्रतीक है।
अंतिम सूची में मतदाताओं की संख्या 7.42 करोड़ है, जबकि इस वर्ष 24 जून तक 7.89 करोड़ मतदाता थे। चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा है कि मसौदा सूची से 65 लाख मतदाताओं को हटा दिया गया है, और 1 अगस्त, 2025 तक मसौदा सूची में मतदाताओं की संख्या 7.24 करोड़ थी।