नेपाल और चीन को जोड़ने वाला पुल मंगलवार को मानसून बारिश से बाढ़ में बह गया, जिससे 20 लोग लापता हो गए हैं।
By: Sandeep malviya
Jul 08, 202510:33 PM
काठमांडू। नेपाल और चीन को जोड़ने वाला पुल मंगलवार को मानसून बारिश से बाढ़ में बह गया, जिससे 20 लोग लापता हो गए हैं। यह पुल दोनों देशों की दोस्ती का प्रतीक था। चीन में सोमवार रात लगातार मानसून बारिश हुई, जिससे नेपाल में भोटे कोशी नदी में बाढ़ आ गई। रसुवा जिले में मितेरी पुल काठमांडू से 120 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में स्थित है। यह मंगलवार सुबह करीब सवा तीन बजे बाढ़ की चपेट में आ गया।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, 20 लोग लापता हैं, जिनमें छह चीनी नागरिक भी शामिल हैं। राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण और प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीआरआरएमए) के मुताबिक, नेपाल सेना, सशस्त्र पुलिस बल और नेपाल पुलिस की संयुक्त टीम ने 55 लोगों को बचाया है, जिनमें चार भारतीय और एक चीनी नागरिक शामिल हैं।
प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली ने नेपाल-चीन सीमा के पास बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया, जिसमें रसुवा जिले के कुछ हिस्से शामिल हैं। उनके साथ गृह मंत्री रमेश लेखक और वित्त मंत्री विष्णु पौडेल भी थे। ओली ने सोशल मीडिया पर लिखा कि सरकार रसुवा में विनाशकारी बाढ़ से प्रभावित लोगों को बचाने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है।
उन्होंने बाढ़ से हुई जान-माल की हानि पर गहरा दुख जताया और कहा, सभी संबंधित अधिकारियों को प्रभावी बचाव और राहत कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि उन्होंने सभी पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया है, सिवाय सबसे जरूरी कार्यक्रमों के, ताकि आपात राहत प्रयासों का समन्वय कर सकें और सुरक्षा एजेंसियों के संपर्क में रहकर बचाव कार्यों की निगरानी कर सकें। रसुवा के मुख्य जिला अधिकारी अर्जुन पौडेल ने कहा कि बाढ़ ने भारी नुकसान किया है। अधिकारियों ने नदी के नीचे बसे लोगों को सुरक्षित इलाकों में जाने की सलाह दी है। बाढ़ ने कई घरों और चीन से आयातित पांच इलेक्ट्रिक वाहनों को भी बहा दिया। मंगलवार सुबह धादिंग जिले के गजुरी ग्रामीण नगरपालिका में त्रिशुली नदी से दो शव बरामद किए गए। उनकी पहचान नहीं हो सकी।
नेपाल सेना की बचाव टीम ने रसुवागढ़ी जलविद्युत परियोजना में फंसे 23 मजदूरों को भी बचाया है, जिनमें एक चीनी नागरिक शामिल है। भारी बारिश के कारण बाढ़ से परियोजना का क्षेत्र जलमग्न हो गया था। स्थानीय अधिकारियों के अनुसार जलविद्युत संयंत्र भी आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुआ है।
इस बीच, पर्वतीय विकास के लिए एकीकृत अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (आईसीआईएमओडी) ने मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा कि रसुवा जिले में अचानक आई बाढ़ का वास्तविक कारण अत्यधिक बारिश नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया, रसुवा में बाढ़ की घटना का सटीक कारण तय करना अभी बहुत जल्दी है। हालांकि, यह पुष्टि की जा सकती है कि अत्यधिक बारिश इसका कारण नहीं थी।