राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल के दीक्षांत समारोह का कुशाभाउ ठाकरे सभागार में दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। इस अवसर पर प्रदेश उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार भी मौजूद रहे।
By: Arvind Mishra
Sep 08, 202510 hours ago
भोपाल। स्टार समाचार वेब
राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल के दीक्षांत समारोह का कुशाभाउ ठाकरे सभागार में दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। इस अवसर पर प्रदेश उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार भी मौजूद रहे। समारोह के दौरान 76 छात्रों को पीएचडी की डिग्री दी गई। साथ ही अनेक विषयों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 26 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल भी प्रदान किया गया। इनमें से 21 मेडल मेरिट के आधार पर दिए गए हैं। वहीं दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमारा साफा हमारी संस्कृति का प्रतीक है। मध्य प्रदेश में डॉक्टर की पढ़ाई (एमबीबीएस) राष्ट्र भाषा में कराएंगे। शिक्षा ही मानवता को विकसित करती है। कुलपति की जगह कुलगुरु विवि की शोभा बढ़ा रहे हैं। रोजगार परक कोर्स प्रदेश के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में शुरू हो रहे हैं। झाबुआ में भी मेडिकल कॉलेज तैयार हो रहा है। अब प्रदेश के विवि में अन्य राज्यों की भाषा भी पढाई जाएगी। मध्य प्रदेश ऐसा राज्य होगा कि सभी भाषाओं को हिंदी भाषा के साथ हम सम्मान दे रहे हैं।
उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि मध्य प्रदेश में हायर एजुकेशन की उत्तर पुस्तिकाओं का डिजिटिलाइजेशन किया जाएगा। कॉपी जांचने के दौरान गड़बड़ी रोकने की कोशिश गई है। उत्तर पुस्तिकाओं का डिजिटिलाइजेशन किया जाएगा। कॉपियों की स्क्रीनिंग कर जांचने वाले के पास जाएगी। मूल कॉपियों को विवि में ही रखा जाएगा। कॉपियों जांचने के दौरान कोई गड़बड़ी नही होगी।
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि शंका होने पर डिजिटल कॉपी स्टूडेंट्स को दी जाएगी। ताकि किसी तरह की गड़बड़ी की आशंका न रहे। पूरी पारदर्शिता के साथ कॉपियो का मूल्यांकन होगा। एक विश्वविद्यालय एक या दो भारतीय भाषा को अपने यहां चलाएंगे। इसके लिए क्रेडिट भी दिया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि नए शिक्षण व्यवस्था में टीम क्रेडिट का सिस्टम है। राज्य के बाहर की भाषा जो स्टूडेंट्स सीखना चाहेगा उसे अतिरिक्त क्रेडिट दिया जाएगा। हमारे प्रदेश के बच्चे जब तमिलनाडु में जाएं तो उनसे संवाद कर सकें, व्यवसाय के लिए कहीं जाए तो कनाडा में बात कर सकें, केरल में मलयालम से बात कर सके, आंध्र में तेलुगु में बात कर सके, महाराष्ट्र जाए तो मराठी में बात कर सके। ऐसे सभी राज्यों की भाषाओं को शामिल किया जाएगा। शिक्षाविद यह पैटर्न तैयार कर रहे हैं अगले सत्र से यह व्यवस्था लागू हो जाएगी।