कृषि उपज मंडी में दो महीने से सफाई नहीं, सड़े अनाज और बदबू से व्यापारी-किसान बेहाल
By: Gulab rohit
Nov 04, 20259:48 PM
गंजबासौदा। कृषि उपज मंडी इन दिनों गंदगी, बदबू और कीचड़ से जूझ रही है। दो महीने से सफाई नहीं हुई। कारण, सफाई ठेकेदार का ठेका खत्म हो गया। नया ठेका अब तक मंजूर नहीं हुआ। मंडी प्रशासन ने भोपाल मंडी बोर्ड को प्रस्ताव भेजा था, लेकिन स्वीकृति नहीं मिली। इससे सफाई व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई। जहां अनाज की नीलामी होती है, वहां अब सड़ा अनाज, कचरे के ढेर और बजबजाती नालियां हैं। बारिश में गिरे दाने सड़ गए। बदबू इतनी तेज है कि किसान और व्यापारी नाक पर रुमाल रखकर खड़े होते हैं। जल निकासी व्यवस्था भी बंद है। गड्डों में पानी भरा है। कीचड़ में ट्रैक्टर-ट्रॉली फिसल रही हैं।
होदियों में पानी भरा है, मच्छरों का प्रकोप बढ़ा
मंडी परिसर में जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हैं। होदियों में पानी भरा है। मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। हवा के साथ उड़ता कचरा दुकानों और फार्मों तक पहुंच रहा है। व्यापारी संघ के कई सदस्यों ने कहा, यदि कुछ दिनों में सफाई नहीं हुई तो अगली रणनीति पर विचार करेंगे। अब सवाल यह है कि जब मंडी ही गंदगी का ढेर बन गई है, तो जिम्मेदार कब जागेंगे ?
दीपावली पर सिर्फ दिखावे की सफाई हुई : व्यापारी संघ
व्यापारियों ने विरोध जताया है। अनाज एवं तिलहन व्यापारी संघ के कोषाध्यक्ष सुखजीत सिंह काके ने कहा, दीपावली जैसे बड़े पर्व पर भी सिर्फ दिखावे की सफाई हुई। गंदगी के बीच व्यापार करना और त्योहार मनाना मजबूरी बन गया। खरीफ सीजन की शुरुआत से ही हालात बिगड़ते जा रहे हैं। किसी को परवाह नहीं।
मंडी में बैठना तक मुश्किल : किसान संघ
भारतीय किसान संघ के तहसील महामंत्री शिवकुमार शर्मा ने कहा, किसान घंटों खड़े रहकर नीलामी और तुलाई कराते हैं। लेकिन मंडी मैं बैठना तक मुश्किल है। जहां अनाज बिकना चाहिए, वहां सड़ा कचरा और मच्छर हैं। भोपाल से ठेका देने की प्रक्रिया ही समस्या है। स्थानीय ठेकेदार को जिम्मेदारी दी जाए ताकि सफाई नियमित हो।
सफाई कर्मियों को नोटिस जारी किया है
सफाई का ठेका भोपाल से होता है। नगरपालिका से भी संपर्क किया था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। मंडी बोर्ड से नए ठेके की प्रतीक्षा है। कल रात प्रांगण की सफाई कराई गई है। जिम्मेदार सफाईकर्मी को नोटिस जारी किया गया है।
सोहनलाल, मंडी सचिव, गंजबासौदा।