पचमढ़ी में 45 मास्टर ट्रेनरों की ट्रेनिंग जारी, आवाज सुनकर पहचान की तकनीक सिखाई जा रही
By: Gulab rohit
Nov 04, 20259:51 PM
नर्मदापुरम। अखिल भारतीय बाघ गणना 2026 की तैयारी शुरू हो गई है। गिनती एक दिसंबर से चार चरणों में देश और प्रदेश में होगी। इसके लिए अलग-अलग स्तर पर वन अधिकारियों और वनकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। नर्मदापुरम जिले के पचमढ़ी वन विद्यालय में 3 से 5 नवंबर तक मास्टर ट्रेनरों को ट्रेनिंग दी जा रही है। यह ट्रेनिंग वर्तमान में जारी है।
प्रशिक्षण में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, बैतूल, हरदा के सामान्य वन मंडल और छिंदवाड़ा वन विकास निगम के मास्टर ट्रेनर शामिल हुए हैं। इन्हें थ्योरी के साथ फील्ड में जाकर बाघ गणना की तकनीक और सावधानियां समझाई जा रही हैं।
45 मास्टर ट्रेनर देंगे फील्ड टीम को प्रशिक्षण
ये मास्टर ट्रेनर रेंजर स्तर के कर्मचारियों को ट्रेनिंग देंगे। ट्रेनिंग में एसटीआर, नर्मदापुरम वन मंडल, हरदा वन मंडल, बैतूल वृत्त के सभी वन मंडल और छिंदवाड़ा व बैतूल वन विकास निगम के कुल 45 मास्टर ट्रेनर शामिल हैं। तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ सोमवार को हुआ। ट्रेनिंग के दौरान बाघ की आवाज सुनाकर गणना का भी प्रशिक्षण दें रहे।
मास्टर ट्रेनर ट्रेनिंग में बैतूल के एससीएफ जितेंद्र आवासे, डब्ल्यूआईआई देहरादून के प्रतिनिधि देव रंजन, और तेजस कर्माकर प्रशिक्षण दे रहे हैं। शुरुआती कार्यक्रम में सहायक संचालक संजीव शर्मा, रेंजर विवेक तिवारी, उमेश मारू और निलेश भट्ट सहित वनकर्मी मौजूद रहे।
4 साल में एक बार गिनती, पिछली बार एसटीआर में 62 बाघ
फील्ड डायरेक्टर राखी नंदा ने प्रशिक्षण के दौरान अखिल भारतीय बाघ गणना की प्रक्रिया और उद्देश्य बताए। उन्होंने कहा कि यह गणना हर 4 साल में होती है। साल 2022 की गणना में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में 62 बाघ दर्ज किए गए थे। इस बार 2025 में सर्वे होना है।
एसीएफ, सीसीएफ और डीएफओ की हो चुकी ट्रेनिंग
बाघ गणना की तैयारी पिछले 20 दिनों से चल रही है। इससे पहले एसटीआर के चूरना क्षेत्र में एसीएफ और सीसीएफ स्तर के अधिकारियों की ट्रेनिंग कराई जा चुकी है। पिछले सप्ताह पचमढ़ी वन विद्यालय में डीएफओ और डीएम स्तर के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया। इसमें चार डिवीजनों के अधिकारी शामिल हुए थे।