मध्य प्रदेश और राजस्थान में 12 बच्चों की मौत के बाद तमिलनाडु सरकार ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगा दी है। साथ ही इसे पूरे बाजार से हटाने के निर्देश दिया गया है। चेन्नई स्थित इस कंपनी द्वारा निर्मित कफ सिरप की बिक्री पूरे तमिलनाडु में रोक लगा दी गई है।
By: Arvind Mishra
Oct 04, 202510:12 AM
भोपाल/नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
मध्य प्रदेश और राजस्थान में 12 बच्चों की मौत के बाद तमिलनाडु सरकार ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगा दी है। साथ ही इसे पूरे बाजार से हटाने के निर्देश दिया गया है। चेन्नई स्थित इस कंपनी द्वारा निर्मित कफ सिरप की बिक्री पूरे तमिलनाडु में रोक लगा दी गई है। इस बीच, दिल्ली और चेन्नई के औषधि नियंत्रण अधिकारियों ने कांचीपुरम स्थित एक दवा संयंत्र में निर्माण इकाई की जांच की। वहीं राजस्थान सरकार ने राज्य औषधि नियंत्रक को निलंबित कर दिया है। साथ ही जयपुर स्थित कंपनी केसन्स फार्मा द्वारा निर्मित दवाओं की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। वहीं मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने छिंदवाड़ा जिले में 7 सितंबर से संदिग्ध किडनी रोग से पीड़ित बच्चों की मौतों के लिए कफ सिरप में ब्रेक आयल सॉल्वेंट मिलाने को जिम्मेदार ठहराया है। इधर, स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रयोगशालाओं से रिपोर्ट आने तक कंपनी को सुविधा केंद्र में सिरप का उत्पादन रोकने का आदेश दिया गया है।
इधर, मध्य प्रदेश में के छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ सिरप से हुई 9 बच्चों की मौत के बाद इस पर बैन लगा दिया गया है। सीएम डॉ. मोहन यादव ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ सिरप के कारण हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुखद है। इस सिरप की बिक्री को पूरे मध्य प्रदेश में बैन कर दिया है। सिरप को बनाने वाली कंपनी के अन्य प्रोडक्ट की बिक्री पर भी बैन लगाया जा रहा है। सिरप तमिलनाडु की एक फैक्ट्री में बनता है। सरकार ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। सिरप बनाने वाली फैक्ट्री कांचीपुरम में है, इसलिए घटना के संज्ञान में आने के बाद राज्य सरकार ने तमिलनाडु सरकार को जांच के लिए कहा था। सुबह जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई। रिपोर्ट के आधार पर कड़ा एक्शन लिया गया है।
तमिलनाडु सरकार ने कफ सिरप कोल्ड्रिफ की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही बाजार से इसे हटाने का आदेश भी जारी किया गया। खाद्य सुरक्षा विभाग ने बताया कि 1 अक्टूबर से राज्य में इसका निर्माण और बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित है। कांचीपुरम जिले के उत्पादन प्लांट का निरीक्षण कर सैंपल कलेक्ट किए गए। सरकारी लैब से टेस्टिंग के बाद रिपोर्ट आने तक कंपनी को इस सिरप के उत्पादन पर प्रतिबंध लगा दी गई है।
गौरतलब है कि कांचीपुरम जिले के सुंगुवरछत्रम स्थित दवा कंपनी राजस्थान, मध्य प्रदेश और पुडुचेरी को दवाइयां सप्लाई करती है। मध्य प्रदेश और राजस्थान में 12 बच्चों की मौत के बाद तमिलनाडु सरकार ने कफ सिरप कोल्ड्रिफ की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है।
कोल्ड्रिफ कफ सिरप को लेकर राजस्थान सरकार भी एक्शन में है। राजस्थान सरकार ने कार्रवाई करते हुए औषधि नियंत्रक को निलंबित कर दिया है। जयपुर स्थित कंपनी केसन्स फार्मा द्वारा निर्मित दवाओं का वितरण रोक दिया है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने केसन्स फार्मा द्वारा निर्मित सभी 19 दवाओं की आपूर्ति अगले आदेश तक बैन कर दी है। डेक्सट्रोमेथॉर्फन युक्त अन्य सभी कफ सिरप के वितरण पर रोक लगा दिया गया है।
बच्चों की मौत के मामले को संज्ञान में लेते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को खांसी और सर्दी की दवाएं न दी जाएं। स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय द्वारा जारी यह निर्देश एमपी और राजस्थान में कथित रूप से दूषित कफ सिरप से बच्चों की मौतों के बीच आया है।