मध्यप्रदेश के सतना में खाद की कमी को लेकर किसानों के केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का रास्ता रोके जाने के बाद अब प्रदेश के कृषि मंत्री और विभागीय अधिकारी सक्रिय हो गए हैं। गौरतलब है कि प्रदेशभर में खाद को लेकर मारा-मारी मची है। किसान रात से ही खाद के लिए कतार में लगे नजर आ रहे हैं।
By: Arvind Mishra
भोपाल। स्टार समाचार वेब
मध्यप्रदेश के सतना में खाद की कमी को लेकर किसानों के केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का रास्ता रोके जाने के बाद अब प्रदेश के कृषि मंत्री और विभागीय अधिकारी सक्रिय हो गए हैं। गौरतलब है कि प्रदेशभर में खाद को लेकर मारा-मारी मची है। किसान रात से ही खाद के लिए कतार में लगे नजर आ रहे हैं। कहीं-कहीं तो खाद के बदले किसानों को लाठियां भी मिल रही हैं। दरअसल, कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना ने सभी कलेक्टरों को खाद वितरण की व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही प्रदेश में खाद की किल्लत के बीच कृषि मंत्री कंसाना ने दावा किया है कि प्रदेश में खाद का पर्याप्त भंडार मौजूद है कहीं किसी जिले में कमी नहीं है। कलेक्टरों की जिम्मेदारी है कि वे अपने जिलों में खाद वितरण की व्यवस्था को सुव्यवस्थित करें, ताकि किसानों को परेशानी का सामना न करना पड़े। कंसाना ने यह भी कहा कि मध्यप्रदेश में रोजाना 7 से 8 रैक खाद अलग-अलग जिलों में भेजे जा रहे हैं।
कृषि मंत्री कंसाना ने कहा कि इस साल खाद की आपूर्ति पिछले साल की तुलना में अधिक है। यूरिया की पिछले साल (1 अप्रैल से 9 सितंबर 2024) तक 15.83 लाख मीट्रिक टन की बिक्री हुई थी। इस साल (9 सितंबर 2025 तक) 18.34 लाख मीट्रिक टन यूरिया का स्टॉक रहा, जिसमें से अब तक 16.19 लाख मीट्रिक टन की बिक्री हो चुकी है। अभी भी 2.15 लाख मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध है। वहीं, डीएपी + एनपीके की पिछले साल इस अवधि में 9.39 लाख मीट्रिक टन की बिक्री हुई थी। इस साल 13.96 लाख मीट्रिक टन का स्टॉक रहा, जिसमें से 9.71 लाख मीट्रिक टन की बिक्री हो चुकी है। वर्तमान में 4.25 लाख मीट्रिक टन डीएपी व एनपीके खाद मौजूद है।
इधर, गुरुवार को सतना दौरे पर पहुंचे केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं है। सतना में खाद संकट की जानकारी मिलने के बाद मैंने जिला प्रशासन, राज्य सरकार और केंद्र सरकार के फर्टिलाइजर विभाग से बात की है। बारिश अच्छी हुई है, इसलिए यूरिया की मांग ज्यादा है, जिसकी पूर्ति की जा रही है। मैं राज्य सरकार से चर्चा करूंगा कि कलेक्टरों के माध्यम से खाद का सही तरीके से वितरण कराया जाए। यदि जरूरत पड़ी तो केंद्र सरकार से और खाद मंगाने की व्यवस्था भी की जाएगी।
वहीं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने प्रदेश में खाद की किल्लत को लेकर सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खाद की कालाबाजारी हो रही है। सिंघार ने कहा खाद कागजों में है लिकिन किसानों को नहीं मिल रही है। हमने सुझाव दिया था सोसायटी के बजाय पंचायत स्तर पर मंगवाकर उतना खाद दे दिया जाए। सिंघार ने कहा कि कालाबाजारी के कारण मध्यप्रदेश में खाद वितरण नहीं हो रही है। 16 लाख यूरिया,7 लाख डीएपी बची रही ये 3 साल का आंकड़ा है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर यूरिया और डीएपी बचा हुआ है तो फिर क्यों आ रही है किसानों को दिक्कतें। ये मेरी नहीं सदन के अंदर फर्टिलाइजर विभाग ने जानकारी दी है।