आजकल बदलती दिनचर्या, अनियमित खानपान और तनाव के कारण पेट दर्द एक आम समस्या बन चुकी है। चाहे गैस, कब्ज या अपच हो, पेट दर्द व्यक्ति के मूड और कार्यक्षमता दोनों पर असर डालता है।
By: Manohar pal
Oct 28, 20255:41 PM
आजकल बदलती दिनचर्या, अनियमित खानपान और तनाव के कारण पेट दर्द एक आम समस्या बन चुकी है। चाहे गैस, कब्ज या अपच हो, पेट दर्द व्यक्ति के मूड और कार्यक्षमता दोनों पर असर डालता है। दवाइयों का सहारा लेने से बेहतर है कि योग से शरीर को स्वाभाविक रूप से ठीक करने का तरीका अपनाया जाए।
योग न केवल पेट दर्द को शांत करता है बल्कि पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाता है। रोजाना सुबह खाली पेट इन आसनों का 10-15 मिनट अभ्यास करने से पेट दर्द की समस्या धीरे-धीरे खत्म होती है। साथ ही पाचन सुधरता है, ब्लोटिंग कम होती है और शरीर हल्का महसूस होता है। आइए जानें ऐसे कुछ सरल योगासन जो नियमित अभ्यास से पेट की तकलीफ दूर करने में मदद कर सकते हैं।
पवनमुक्तासन
इस आसन से पेट में जमा गैस निकलती है और पाचन सुधरता है। पीठ के बल लेटकर घुटनों को मोड़ें, छाती से लगाएं और हाथों से पकड़ें। कुछ सेकंड रुकें और सांस लें। पीठ के बल लेटकर एक पैर को मोड़ें और घुटने को पेट की ओर खींचें। दोनों हाथों से पैर को पकड़ें और सिर उठाकर घुटने से टच करें। 5-10 सेकंड तक रुकें और फिर छोड़ें।
भुजंगासन
भुजंगासन से पेट की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और पाचन क्रिया दुरुस्त होती है। यह पेट दर्द, कब्ज और अपच जैसी समस्याओं में बेहद उपयोगी है। पेट के बल लेटें, हाथों को कंधे के पास रखें और धीरे-धीरे सिर व छाती को ऊपर उठाएं। गहरी सांस लें और पेट को रिलैक्स करें।
बालासन
यह आसन शरीर और मन दोनों को आराम देता है। पेट दर्द और एसिडिटी के समय यह तुरंत राहत पहुंचाता है। इससे तनाव, थकान और सिरदर्द में राहत मिलती है। बालासन के अभ्यास के लिए घुटनों के बल बैठकर सिर को जमीन पर टिकाएं और हाथ आगे की ओर फैलाएं। धीरे-धीरे गहरी सांस लें।
सेतुबंधासन
यह आसन पेट के आस-पास की नसों को सक्रिय करता है और गैस की समस्या कम करता है। यह आसन फेफड़ों और छाती के क्षेत्र को खोलता है और सांस लेने की प्रक्रिया को आसान बनाता है। सेतुबंधासन के नियमित अभ्यास से ठंड से होने वाली सांस की समस्या और खांसी में राहत मिलती है।