भारतीय गगनयात्री शुभांशु शुक्ला एक्सियम-4 मिशन के तहत बुधवार को को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए रवाना हो गए। उनके साथ तीन अन्य एस्ट्रोनॉट भी स्पेस स्टेशन जा रहे हैं। मिशन भारतीय समयानुसार दोपहर करीब 12:00 बजे फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया।
By: Arvind Mishra
Jun 25, 20259:53 AM
भारतीय गगनयात्री शुभांशु शुक्ला एक्सियम-4 मिशन के तहत बुधवार को को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए रवाना हो गए। उनके साथ तीन अन्य एस्ट्रोनॉट भी स्पेस स्टेशन जा रहे हैं। मिशन भारतीय समयानुसार दोपहर करीब 12:00 बजे फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया। स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट से जुड़े ड्रैगन कैप्सूल में सभी एस्ट्रोनॉट ने उड़ान भरी। ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट करीब 28.5 घंटे के बाद 26 जून को शाम 04:30 बजे आईएसएस से जुड़ेगा। अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस स्टेशन पर करीब 14 दिन गुजारने हैं। नए लॉन्च स्लॉट का ऐलान मंगलवार सुबह हुआ। यह मिशन एक्सिओम स्पेस का हिस्सा है, जो एक निजी एयरोस्पेस कंपनी है। यह मिशन सात बार टल चुका है। अब नई लॉन्च तारीख 25 जून है. इससे पहले टलने की वजह लॉन्च व्हीकल में दिक्कतें और आईएसएस के ज्वेज्दा मॉड्यूल पर दबाव में बदलाव जैसी कई वजहें हैं। ज्वेज्दा में लीक का पता सबसे पहले 2019 में चला था और अंतरिक्ष एजेंसियां इसे ठीक करने के लिए कई साल से काम कर रही हैं। एक्सिओम-4 मिशन से पहले मरम्मत का काम किया गया था।
स्पेसक्राफ्ट के अंदर से शुभांशु शुक्ला ने पहला मैसेज दिया-नमस्कार, मेरे प्यारे देशवासियो... 41 साल बाद हम वापस अंतरिक्ष में पहुंच गए हैं। कमाल की राइड थी। इस समय हम 7.5 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से पृथ्वी के चारों तरफ घूम रहे हैं। मेरे कंधे पर मेरे साथ मेरा तिरंगा है, जो मुझे बता रहा है कि मैं अकेला नहीं हूं, मैं आप सबके साथ हूं...।
भारत के लाल शुभांशु शुक्ला ड्रैगन कैप्सूल के साथ तीन क्रू मेंबर्स के साथ रवाना हो गए हैं। सफल लॉन्चिंग को लेकर पूरे देश में जश्न का माहौल है। नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से फाल्कन 9 ने सफलतापूर्वक उड़ान भरी है। यह लॉन्चिंग न केवल शुभांशु शुक्ला के लिए बल्कि अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की बढ़ती उपस्थिति के लिए भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
इधर, उत्तर प्रदेश के लखनऊ में खुशी, गर्व और उत्साह का माहौल है। शुभांशु शुक्ला के पिता शंभू दयाल कहते हैं कि मेरे बेटे की उपलब्धि न केवल लखनऊ नहीं बल्कि पूरे देश के लिए गौरव की बात है। हम शुभांशु के मिशन को लॉन्च होते देख बहुत खुश हैं। हमारा आशीर्वाद उनके साथ है और हम ईश्वर से भी प्रार्थना करते हैं कि उनका मिशन अच्छी तरह से पूरा हो। वह लखनऊ, राज्य और हमारे देश का नाम रोशन कर रहे हैं, हमें उन पर गर्व है।
लॉन्चिंग से पहले शुभांशु शुक्ला ने कहा-मैं भारत के लोगों से कहना चाहता हूं कि यह मिशन एक मील का पत्थर है और मैं भारत से इस मिशन की सफलता के लिए प्रेयर करने की गुजारिश करता हूं। यहां तक कि तारे भी हासिल किए जा सकते हैं। शुभांशु शुक्ला भारतीय वायु सेना में ग्रुप कैप्टन के रूप में काम करते हैं। अंतरिक्ष में अपनी सबसे प्रतीक्षित और चुनौतीपूर्ण उड़ान के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
भारत का दूसरा अंतरिक्ष यात्री: शुभांशु शुक्ला भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री होंगे, जो अंतरिक्ष में जाएंगे। इससे पहले 1984 में राकेश शर्मा ने सोवियत यूनियन के मिशन में हिस्सा लिया था।
ऐक्सिओम मिशन-4 का हिस्सा: शुभांशु ऐक्सिओम मिशन-4 के पायलट होंगे, जो एक निजी अंतरिक्ष मिशन है।
आईएसएस पर पहला भारतीय: यह पहली बार होगा जब कोई भारतीय अंतरिक्ष यात्री आईएसएस पर जाएगा। शुभांशु 14 दिन तक आईएसएस पर रहेंगे और विभिन्न प्रयोग करेंगे।
प्रशिक्षण और अनुभव: शुभांशु भारतीय वायुसेना के अनुभवी टेस्ट पायलट है। उनके पास सुखोई-30, मिग-21, मिग-29, जैगुआर, हॉक और अन्य विमानों में3000 घंटे से अधिक उड़ान का अनुभव है। उन्होंने रूस के यूरी गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण लिया है।
वैज्ञानिक प्रयोग: शुभांशु आईएसएस पर 7 भारतीय और 5 नासा के साथ मिलकर प्रयोग करेंगे। इनमें अंतरिक्ष में मूंग और मेथी जैसी फसलों को उगाने और मानव शरीर पर अंतरिक्ष के प्रभाव को समझने जैसे प्रयोग शामिल हैं।
भारतीय संस्कृति का प्रदर्शन: शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में योग करेंगे। भारत की सांस्कृतिक वस्तुएं जैसे भारतीय मिठाइयां और एक खिलौना हंस ले जाएंगे, जो शून्य गुरुत्वाकर्षण में तैरकर मिशन का प्रतीक होगा।
लॉन्च और तकनीकी विवरण: मिशन आज फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स के फॉल्कन 9 रॉकेट और ड्रैगन अंतरिक्ष यान के जरिए लॉन्च होगा। यह मिशन मौसम और तकनीकी कारणों से 7 बार स्थगित हो चुका है।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग: मिशन में भारत, पोलैंड, हंगरी और अमेरिका के अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं। यह मिशन इन देशों के लिए 40 साल बाद पहला सरकारी अंतरिक्ष मिशन है।
गगनयान मिशन की तैयारी: मिशन का अनुभव भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन, गगनयान के लिए महत्वपूर्ण होगा। गगनयान 2026 में तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा में ले जाएगा।
प्रेरणा और शिक्षा: शुभांशु आईएसएस से भारतीय छात्रों के साथ लाइव बातचीत करेंगे ताकि विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित में उनकी रुचि बढ़े। वह अपनी यात्रा की तस्वीरें और वीडियो भी साझा करेंगे, जो 1.4 अरब भारतीयों के लिए प्रेरणा होगी।