उत्तराखंड हिमालय की चारधाम यात्रा 25 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद करने के साथ विराम लेगी। धाम के कपाट दोपहर 2:56 बजे बंद किए जाएंगे। बदरीनाथ धाम में आयोजित धार्मिक समारोह में पंचांग गणना के बाद धाम में 21 नवंबर से होने वाली पंच पूजा और भगवान बदरी विशाल के विग्रहों की शीतकालीन गद्दीस्थल पांडुकेश्वर व ज्योतिर्मठ के लिए प्रस्थान की तिथि भी घोषित की गई।
By: Arvind Mishra
Oct 03, 2025just now
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
उत्तराखंड हिमालय की चारधाम यात्रा 25 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद करने के साथ विराम लेगी। धाम के कपाट दोपहर 2:56 बजे बंद किए जाएंगे। बदरीनाथ धाम में आयोजित धार्मिक समारोह में पंचांग गणना के बाद धाम में 21 नवंबर से होने वाली पंच पूजा और भगवान बदरी विशाल के विग्रहों की शीतकालीन गद्दीस्थल पांडुकेश्वर व ज्योतिर्मठ के लिए प्रस्थान की तिथि भी घोषित की गई। वहीं केदारनाथ धाम के साथ ही द्वितीय केदार मध्यमेश्वर व तृतीय केदार तुंगनाथ धाम के कपाट बंद करने की तिथि व मुहूर्त भी तय हो गए हैं। परंपरा के अनुसार केदारनाथ धाम के कपाट भैयादूज पर 23 अक्टूबर को सुबह 8:30 बजे बंद होंगे। इसी दिन बाबा केदार की पंचमुखी उत्सव डोली शीतककालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान करेगी। तय हुआ है कि कपाट बंद होने के तुरंत बाद बाबा केदार की पंचमुखी विग्रह डोली यात्रा रात्रि प्रवास के लिए अपने पड़ाव रामपुर के लिए प्रस्थान करेगी। 24 अक्टूबर को डोली गुप्तकाशी स्थित श्री विश्वनाथ मंदिर और 25 अक्टूबर को शीतकालीन प्रवास स्थल ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचेगी। आपदा के बावजूद अभी तक 14,20,357 तीर्थयात्री बदरीनाथ धाम और 16,02,420 तीर्थयात्री केदारनाथ धाम में दर्शन कर चुके हैं। इस दौरान उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती ने भी विचार रखे।
वहीं, द्वितीय केदार मध्यमेश्वर धाम के कपाट 18 नवंबर को सुबह 6:30 बजे बंद किए जाएंगे। इसके तुरंत बाद बाबा मध्यमेश्वर की डोली रात्रि विश्राम के लिए गौंडार के लिए प्रस्थान करेगी। 19 नवंबर को डोली राकेश्वर मंदिर, 20 नवंबर को गिरिया और 21 नवंबर को ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी। वहीं तय हुआ कि छह नवंबर को पूर्वाह्न 11:30 बजे तृतीय केदार तुंगनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद बाबा की उत्सव विग्रह डोली प्रथम पड़ाव चोपता के लिए प्रस्थान करेगी। सात नवंबर को डोली भनकुन और आठ नवंबर को शीतकालीन प्रवास स्थल मर्कटेश्वर मंदिर मक्कूमठ पहुंचेगी।
भैयादूज पर 23 अक्टूबर को विशाखा नक्षत्र व आयुष्मान योग में दोपहर 12:30 बजे यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद देवी यमुना की विग्रह डोली समेश्वर देवता की अगुआई में शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली स्थित यमुना मंदिर पहुंचेगी।
21 नवंबर : सुबह भगवान गणेश की पूजा होगी और शाम को बंद किए जाएंगे गणेश मंदिर के कपाट।
22 नवंबर : आदि केदारेश्वर मंदिर और शंकराचार्य मंदिर के कपाट होंगे बंद।
23 नवंबर : बंद होगा खडग पुस्तक का वाचन।
24 नवंबर : माता लक्ष्मी को अर्पित होगा कढ़ाई भोग। इसके बाद माता लक्ष्मी को भगवान नारायण के साथ गर्भगृह में विराजमान होने का न्योता देने लक्ष्मी मंदिर जाएंगे रावल।
25 नवंबर : गर्भगृह में विराजमान होंगी माता लक्ष्मी। दोपहर 2:56 बजे बंद होंगे धाम के कपाट।
26 नवंबर : भगवान बदरी विशाल के प्रतिनिधि एवं बालसखा उद्धवजी, देवताओं के खजांची कुबेरजी व भगवान बदरी विशाल के वाहन गरुड़जी के साथ आदि शंकराचार्य की गद्दी डोली शीतकालीन प्रवास पांडुकेश्वर व नृसिंह मंदिर ज्योतिर्मठ के लिए करेगी प्रस्थान।