मध्यप्रदेश में एक बार फिर से अच्छी बारिश का दौर शुरू हो चुका है। मानसून जुलाई के आखिरी सप्ताह को जमकर भिगोने की स्थिति में नजर आ रहा है। भोपाल मौसम केंद्र ने प्रदेश के 37 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इनमें 19 जिलों के लिए आरेंज अलर्ट यानी अति भारी बारिश और 18 जिलों में येलो अलर्ट यानी भारी बारिश का अलर्ट है।
By: Arvind Mishra
Jul 25, 202517 hours ago
मध्यप्रदेश में एक बार फिर से अच्छी बारिश का दौर शुरू हो चुका है। मानसून जुलाई के आखिरी सप्ताह को जमकर भिगोने की स्थिति में नजर आ रहा है। भोपाल मौसम केंद्र ने प्रदेश के 37 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इनमें 19 जिलों के लिए आॅरेंज अलर्ट यानी अति भारी बारिश और 18 जिलों में येलो अलर्ट यानी भारी बारिश का अलर्ट है। भोपाल में गुरुवार से शुरू हुआ बारिश का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा। राजधानी में कभी धीमी, कभी तेज बारिश हो रही है। वहीं ग्वालियर में सुबह तेज बारिश हुई। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के सरकारी बंगले में पानी भर गया। कर्मचारी परेशान होते रहे। हालांकि, इस दौरान तोमर बंगले पर नहीं थे। इधर, अशोक नगर जिले में दो अलग-अलग घटनाओं में 26 साल का युवक और ढाई साल का बच्चा बह गए थे। शुक्रवार उनके शव मिले। शिवपुरी में दो बच्चियां और एक महिला बह गईं। महिला की मौत हो गई। विदिशा में एक गर्भवती को रस्सी के सहारे पुलिया पार कराकर अस्पताल पहुंचाया गया।
पिछले 24 घंटे के दौरान ग्वालियर में सबसे ज्यादा 3.7 इंच पानी गिर गया। रायसेन में 2.4 इंच, पचमढ़ी में 1.9 इंच, सिवनी में 1.6 इंच, भोपाल, दतिया-मलाजखंड में 1.1 इंच बारिश दर्ज की गई।
मध्यप्रदेश में इस मानसूनी सीजन में औसत 21.8 इंच बारिश हो चुकी है जबकि अब तक 14.6 इंच बारिश होनी थी। यह औसत से 49 फीसदी अधिक है। तीन जिले- निवाड़ी, टीकमगढ़ और श्योपुर में तो कोटा पूरा हो चुका है। इन जिलों में सामान्य से 25 फीसदी तक ज्यादा पानी गिर चुका है। ग्वालियर समेत 5 जिले भी बेहतर स्थिति में हैं। यहां 80 फीसदी से 95 फीसदी तक बारिश हो चुकी है। दूसरी ओर, इंदौर और उज्जैन संभाग सबसे पीछे है।
इधर, मप्र के दमोह जिले के नोहटा थाना अंतर्गत हटरी गांव से बहने वाली ब्यारमा नदी में शुक्रवार सुबह वन विभाग ने एक मगरमच्छ को रेस्क्यू कर पकड़ लिया। इसे पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया गया था, जिसमें मछली को चारे के रूप में रखा गया था। मछली खाने के प्रयास में मगरमच्छ पिंजरे में कैद हो गया। चार फीट लंबे इस मगरमच्छ को अब सुरक्षित स्थान पर छोड़ा जाएगा। गौरतलब है कि एक सप्ताह में यह दूसरा मगरमच्छ है, जिसे इसी नदी से पकड़ा गया है।