महिलाओं के शरीर में 40 की उम्र के बाद नए बदलाव शुरू हो जाते हैं। इस दौरान उनके शरीर में कई हार्मोनल बदलाव शुरू हो जाते हैं, जिसका उनकी सेहत पर काफी असर पड़ता है।
By: Manohar pal
Aug 26, 20256:21 PM
महिलाओं के शरीर में 40 की उम्र के बाद नए बदलाव शुरू हो जाते हैं। इस दौरान उनके शरीर में कई हार्मोनल बदलाव शुरू हो जाते हैं, जिसका उनकी सेहत पर काफी असर पड़ता है। इस उम्र में मेटाबॉलिज्म धीमा होने लगता है, हड्डियां कमजोर होनी शुरू हो जाती हैं और एनर्जी के स्तर में उतार-चढ़ाव आना आम बात हो जाती है।
ऐसे में जो महिलाएं अपने खान-पान पर ध्यान नहीं देतीं, उनमें कुछ पोषक तत्वों की कमी होने लगती है और शरीर कमजोर होने लगता है। इतना ही नहीं, इसके कारण कई बीमारियां भी अपना शिकार बना सकती हैं। इसलिए जरूरी है कि 40 की उम्र के बाद महिलाएं कुछ खास पोषक तत्वों पर जरूर ध्यान दें। आइए जानते हैं उन 5 पोषक तत्वों के बारे में, जो 40 वर्ष के बाद हर महिला की डाइट का हिस्सा जरूर होने चाहिए।
कैल्शियम
40 की उम्र के बाद, एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर गिरने लगता है, जिसका सीधा असर हड्डियों की डेंसिटी पर पड़ता है। इससे ऑस्टियोपोरोसिस यानी हड्डियों के कमजोर होने का खतरा बढ़ जाता है। कैल्शियम हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाए रखने के लिए सबसे जरूरी मिनरल है। इसलिए अपनी डाइट में दूध, दही, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक और ब्रोकली, बादाम, और तिल के बीज शामिल करने चाहिए।
विटामिन-डी
कैल्शियम शरीर में अब्जॉर्ब तभी हो पाता है जब सही मात्रा में विटामिन-डी मौजूद हो। विटामिन-डी की कमी न सिर्फ हड्डियों को कमजोर करती है, बल्कि इम्युनिटी को भी प्रभावित करती है और मूड स्विंग्स की वजह भी बन सकती है। इसलिए सुबह की धूप (लगभग 15-20 मिनट) लें और अंडे की जर्दी, फैटी फिश व विटामिन-डी फोर्टिफाइड फूड्स को डाइट में शामिल करें।
ओमेगा-3 फैटी एसिड
यह एक तरह का अच्छा फैट है, जो हार्ट हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद है। यह बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है। साथ ही, यह दिमाग को दुरुस्त रखकर याददाश्त कमजोर होने और डिप्रेशन के खतरे को कम करता है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण जोड़ों के दर्द में भी आराम दिलाते हैं। इसलिए अपनी डाइट में अलसी के बीज, चिया सीड्स, अखरोट और फैटी फिश शामिल करें।
विटामिन-बी12
उम्र बढ़ने के साथ, शरीर में विटामिन-बी12 का अब्जॉर्प्शन कम होने लगता है। यह विटामिन शरीर में एनर्जी बनाने, रेड ब्लड सेल्स के निर्माण और नर्वस सिस्टम को हेल्दी रखने के लिए बेहद जरूरी है। इसकी कमी से थकान, कमजोरी, याददाश्त में परेशानी और पैरों में झनझनाहट जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इससे बचने के लिए अंडे, दूध, मिल्क प्रोडक्ट्स, चिकन, और मछली को डाइट में शामिल करें।
मैग्नीशियम
मैग्नीशियम एक ऐसा मिनरल है, जो 300 से ज्यादा बायोकेमिकल रिएक्शन में भाग लेता है। यह ब्लड शुगर लेवल को रेगुलेट करने, ब्लड प्रेशर नॉर्मल रखने, मांसपेशियों और नर्वस के सही फंक्शन के लिए जिम्मेदार है। यह स्ट्रेस और एंग्जायटी को कम करने में भी मददगार है और एक अच्छी नींद दिलाने में मददगार होता है। इसके लिए अपनी डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां, केला, एवोकाडो, डार्क चॉकलेट, नट्स और बीज शामिल करें।