भारत ने जेनेवा मंच पर न केवल पाकिस्तान के झूठे आरोपों को सख्ती से खारिज किया, बल्कि स्विट्जरलैंड को भी अपनी जिम्मेदारी निभाने की सलाह दी।
By: Sandeep malviya
Sep 10, 2025just now
जिनेवा। भारत ने जेनेवा मंच पर न केवल पाकिस्तान के झूठे आरोपों को सख्ती से खारिज किया, बल्कि स्विट्जरलैंड को भी अपनी जिम्मेदारी निभाने की सलाह दी। भारतीय राजनयिक क्षितिज त्यागी ने अपने बयान में कहा कि भारत आतंकवाद से निपटने के लिए पूरी तरह सक्षम है और किसी से सीखने या सलाह लेने की जरूरत नहीं है। जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के 60वें सत्र की 5वीं बैठक में भारत ने पाकिस्तान और स्विट्जरलैंड को करारा जवाब दिया। भारतीय राजनयिक क्षितिज त्यागी ने अपने बयान में कहा कि भारत आतंकवाद से निपटने के लिए पूरी तरह सक्षम है और किसी से सीखने या सलाह लेने की जरूरत नहीं है।
'हम अपनी संप्रभुता से कोई समझौता नहीं करेंगे'
क्षितिज त्यागी ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा, 'हमारे संतुलित और उचित जवाब ने यह साफ कर दिया है कि भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जाएगा। हम अपनी संप्रभुता से कोई समझौता नहीं करेंगे और आतंक को बढ़ावा देने वाले असफल देश के झूठे प्रचार को बार-बार उजागर करते रहेंगे।'
'पाकिस्तान का अस्तित्व ही आतंकवाद और झूठे प्रचार पर टिका है'
उन्होंने पाकिस्तान पर सीधा हमला करते हुए कहा कि उसका अस्तित्व ही आतंकवाद और झूठे प्रचार पर टिका है। 'हम फिर से मजबूर हैं कि उस देश की उकसावे की बातों का जवाब दें, जिसके नेता ने हाल ही में अपने देश की तुलना कूड़ा ढोने वाले ट्रक से की थी। यह तुलना सही बैठती है क्योंकि पाकिस्तान लगातार पुराने झूठ और बासी प्रोपेगेंडा इस मंच पर लेकर आता है।' क्षितिज त्यागी ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान आॅगेर्नाइजेशन आॅफ इस्लामिक कोआॅपरेशन को भी अपने हित में इस्तेमाल करता है और भारत के खिलाफ उसकी बीमारी जैसी जुनूनी सोच उसके लिए अस्तित्व का सहारा बन गई है।
स्विट्जरलैंड को भी फटकारा
स्विट्जरलैंड के बयान पर भी प्रतिक्रिया देते हुए त्यागी ने कहा कि भारत का घनिष्ठ मित्र होने के बावजूद, स्विट्जरलैंड ने गलत और सतही टिप्पणियां की हैं। 'यूएनएचआरसी के अध्यक्ष होने के नाते स्विट्जरलैंड को झूठे नैरेटिव फैलाने के बजाय अपने देश की समस्याओं, जैसे नस्लभेद, भेदभाव और विदेशियों के प्रति नफरत पर ध्यान देना चाहिए।' उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा और विविध लोकतंत्र है, जहां बहुलतावाद की गहरी परंपरा है। 'भारत हमेशा तैयार है कि अगर जरूरत पड़े तो स्विट्जरलैंड को इन समस्याओं को सुलझाने में मदद करे।'