राजस्थान के जयपुर-अजमेर हाईवे पर बड़ा हादसा हो गया। मौजमाबाद इलाके के सावरदा पुलिया के पास गैस सिलिंडर से भरे ट्रक में टक्कर के बाद भीषण धमाका हुआ और देखते ही देखते आग की लपटों ने पूरे ट्रक को अपनी चपेट में ले लिया। हादसे के बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई।
By: Arvind Mishra
Oct 08, 2025just now
जयपुर। स्टार समाचार वेब
राजस्थान के जयपुर-अजमेर हाईवे पर बड़ा हादसा हो गया। मौजमाबाद इलाके के सावरदा पुलिया के पास गैस सिलिंडर से भरे ट्रक में टक्कर के बाद भीषण धमाका हुआ और देखते ही देखते आग की लपटों ने पूरे ट्रक को अपनी चपेट में ले लिया। हादसे के बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। दरअसल, जयपुर जिले के दूदू क्षेत्र में मौखमपुरा के पास मंगलवार रात एक खौफनाक हादसा हुआ। एलपीजी सिलेंडरों से भरे खड़े ट्रक को एक केमिकल टैंकर ने जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर लगते ही टैंकर के केबिन में आग लग गई, जो तेजी से ट्रक तक फैल गई। देखते ही देखत ट्रक आग का गोला बन गया। आग सिलेंडरों तक पहुंची तो एक के बाद एक करीब 200 गैस सिलेंडरों में विस्फोट हो गया। धमाकों की आवाज 10 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी और कुछ सिलेंडर 500 मीटर दूर खेतों तक जा गिरे। घटना रात की है। जिससे हाईवे पर अफरा-तफरी मच गई।
जिंदा जल गया चालक
टैंकर चालक ने आरटीओ वाहन को देखकर अचानक ढाबे की ओर मोड़ काटी और सामने खड़े गैस सिलेंडर से लदे ट्रक से भिड़ गया। हादसे में टैंकर का चालक जिंदा जल गया। वहीं, आसपास खड़े पांच अन्य वाहन भी आग की चपेट में आ गए। दमकल की 12 गाड़ियों ने 3 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। ट्रक में कुल 330 सिलेंडर लदे हुए थे, जिनमें से दो तिहाई से ज्यादा सिलेंडर फट गए। हाईवे पर दोनों ओर ट्रैफिक रोकना पड़ा, जिसे बुधवार सुबह 4:30 बजे दोबारा खोला गया।
ढाबे में घुसा वाहन, भीषण टक्कर
ट्रक ड्राइवर शाहरुख ने बताया कि घटना के समय टैंकर जयपुर की ओर जा रहा था, तभी सामने से आरटीओ की गाड़ी आती दिखी। आरटीओ वाहन को देखकर टैंकर चालक घबरा गया और खुद को बचाने की कोशिश में उसने टैंकर को सड़क किनारे एक ढाबे में घुसा दिया। इस दौरान टैंकर की सीधी टक्कर वहां खड़े गैस सिलेंडर से लदे ट्रक से हो गई।
दो घंटे तक नहीं पहुंची दमकल
टक्कर के तुरंत बाद स्पार्किंग हुई और आग फैल गई। केमिकल टैंकर के ड्राइवर ने जान बचाने की काफी कोशिश की, लेकिन आग ने तेजी से घेर लिया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। स्थानीय लोगों के अनुसार, करीब दो घंटे तक मौके पर न तो कोई दमकल वाहन पहुंचा, न ही किसी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था दिखाई दी।