भोपाल में रिटायर चीफ इंजीनियर के बाद अब इंदौर में आबकारी विभाग का एक रिटायर अफसर धनकुबेर निकला। इंदौर सहित प्रदेश के कई जिलों में पदस्थ रहे सेवानिवृत आबकारी अधिकारी धर्मेंद्र सिंह भदौरिया के आठ ठिकानों पर लोकायुक्त की टीम ने छापा मारा। अफसरों को बड़ी मात्रा में आय से अधिक संपत्ति का पता चला है।
By: Arvind Mishra
Oct 15, 202512 hours ago
इंदौर। स्टार समाचार वेब
भोपाल में रिटायर चीफ इंजीनियर के बाद अब इंदौर में आबकारी विभाग का एक रिटायर अफसर धनकुबेर निकला। इंदौर सहित प्रदेश के कई जिलों में पदस्थ रहे सेवानिवृत आबकारी अधिकारी धर्मेंद्र सिंह भदौरिया के आठ ठिकानों पर लोकायुक्त की टीम ने छापा मारा। अफसरों को बड़ी मात्रा में आय से अधिक संपत्ति का पता चला है। इंदौर में पलासिया स्थित फ्लैट के अलावा बिजनेस पार्क और एरोड्रम रोड स्थित दफ्तर में टीम पहुंची। अफसर का पैतृक निवास ग्वालियर के इंद्रमणि नगर में भी है। वहां भी एक टीम ने दबिश दी है। लोकायुक्त की इस कार्रवाई से दोनों महानगरों में हड़कंप मच गया है। दरअसल, बुधवार को सुबह लोकायुक्त की टीम ने रिटायर आबकारी अधिकारी धर्मेंद्र भदौरिया के पांच ठिकानों पर एक साथ शिकंजा कसा। इंदौर में कैलाश कुंज, बिजनेस स्काई पार्क सहित सात और ग्वालियर में इंद्रमणि नगर स्थित घर पर सर्चिंग की जा रही है। यहां भदौरिया के भाई व अन्य परिजन रहते हैं। दावा किया जा रहा है कि प्रारंभिक कार्रवाई के दौरान ही लोकायुक्त की टीम ने 80 लाख रुपए कैश, डेढ़ किलो सोना, चांदी के अभूषण, कृषि भूमि, अलच संपत्तियां, कई महंगी गाड़ियां, परफ्यूम और एक रिवॉल्वर बरामद की है। वहीं कहा यह भी जा रहा है कि इस कार्रवाई में करोड़ों की संपत्ति उजागर होने की उम्मीद है।
धर्मेंद्र सिंह भदौरिया 1987 में भर्ती हुए थे। अगस्त 2025 में रिटायरमेंट हुआ। इस दौरान उनकी वैध आय करीब दो करोड़ रुपए मानी जा रही है। जांच में यह भी सामने आया है कि उनके बेटे सूर्यांश भदौरिया फिल्मों में निवेश करते थे। बेटी का भी फिल्मों में पैसा लगाने से जुड़ा लिंक सामने आया है।
गौरतलब है कि नौकरी के दौरान 2020 में शराब ठेकों की नीलामी में लापरवाही के चलते धर्मेंद्र सिंह भदौरिया को निलंबित किया गया था। नीलामी समय पर नहीं होने के कारण उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई थी। धर्मेंद्र सिंह भदौरिया तीन माह पहले ही सेवानिवृत हुए थे। अगस्त में वे सेवानिवृत होने के बाद इंदौर स्थित पलासिया के फ्लैट में रह रहे हैं।
लोकायुक्त टीम दो चार पहिया वाहनों में पलासिया स्थित कैलाश कुंज अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर-201 में पहुंची। दरवाजा खटखटाया तो भदौरिया ने ही दरवाजा खोला। टीम ने छापे की जानकारी देकर उनसे पूछताछ शुरू कर दी और अलमारी व अन्य दस्तावेजों को जांचना शुरू कर दिया। कई बार छापे के दौरान परिजन बीमारी का बहाना भी करने लगते है। इस कारण इस बार अफसर एम्बुलेंस भी लेकर आए थे।