मध्य प्रदेश सरकार 2028 में होने वाले उज्जैन सिंहस्थ कुंभ मेले की तैयारी में जुटी है, जिसमें इंफ्रास्ट्रक्चर, शिप्रा नदी की स्वच्छता और श्रद्धालुओं के लिए बेहतर व्यवस्थाएँ शामिल हैं।
By: Ajay Tiwari
Dec 26, 20254:19 PM
"समय के अनंत प्रवाह में वर्ष 2025 मध्य प्रदेश के इतिहास में एक ऐसा अध्याय बनकर उभरा है, जहाँ विकास की ऊँची उड़ानों के साथ-साथ नियति के कुछ क्रूर प्रहारों ने भी अपनी छाप छोड़ी। यह वर्ष प्रदेश के लिए कहीं 'अमृत' सा मंगलकारी रहा, तो कहीं 'विष' के घूँट सा पीड़ादायक। जहाँ कूनो के जंगलों में नन्हे चीतों की किलकारियों ने पारिस्थितिक विजय का उद्घोष किया और शिप्रा के तट पर 2028 के सिंहस्थ की तैयारियों शुरू हुईं। वहीं कफ सिरप की एक कड़वी घूँट ने कई घरों के आंगन सूने कर दिए। एक ओर 'लाड़ली बहना' के सम्मान में बढ़ते कदम और 19 पावन तीर्थों को मद्य-मुक्त कर शुचिता का संकल्प लेते मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्णय शासन की संकल्पशक्ति को दर्शाते रहे। यह लेखा-जोखा मात्र आंकड़ों का पुंज नहीं, बल्कि बदलते मध्य प्रदेश की वह तस्वीर है जिसमें आस्था का उल्लास, न्याय की कठोरता और मानवीय संवेदनाओं का क्रंदन... सब एक साथ समाहित हैं।"

साल 2025 में मध्य प्रदेश का कफ सिरप कांड एक बड़ी और दुखद घटना के कारण सुर्खियों में रहा, जिसमें कई बच्चों की मौत हो गई। जहरीला कफ सिरप पीने से मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा, बैतूल और पांडुरना जिलों में 28 से अधिक बच्चों ने दम तोड़ दिया। ये मौतें किडनी फेल होने के कारण हुईं, क्योंकि सिरप में डाईथलीन ग्लाइकॉल नामक जहरीला औद्योगिक रसायन मिला हुआ था। जिस कफ सिरप को मौतों का कारण बताया गया, उसका नाम कोल्ड्रिफ था। इस घटना के बाद मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और कई अन्य राज्यों ने कोल्ड्रिफ सिरप की बिक्री और वितरण पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया। वहीं तमिलनाडु स्थित दवा निमार्ता कंपनी के मालिक जी. रंगनाथन को मध्य प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार किया। इस मामले में एक सरकारी डॉक्टर और दवा वितरकों को भी गिरफ्तार किया गया है।

मध्य प्रदेश सरकार ने 1 अप्रैल, 2025 से 19 धार्मिक नगरों और ग्राम पंचायतों में शराबबंदी लागू की है, जिसमें उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मैहर और ओरछा जैसे प्रमुख स्थान शामिल हैं, ताकि धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनी रहे और नशामुक्ति को बढ़ावा मिले। इस ऐतिहासिक फैसले के तहत इन क्षेत्रों में शराब की दुकानें और बार बंद कर दिए गए हैं, और राजस्व की भरपाई के लिए राज्य में शराब महंगी की गई है। यह फैसला मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार द्वारा लिया गया है। इसे नशामुक्ति की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया गया।

भाजपा विधायक संजय पाठक 2025 में अवैध खनन और वसूली का आरोप झेल रहे हैं। अदालत में हस्तक्षेप के प्रयास और जज से संपर्क के आरोप उन पर लगे। जिसके बाद हाईकोर्ट के जज ने आदेश सुनाते हुए उनके मामले में सुनवाई करने से खुद को अलग कर लिया। मध्य प्रदेश सरकार ने उनकी कंपनियों पर लगभग 443 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है और उनसे वसूली के आदेश जारी किए हैं। अगस्त 2025 में मुख्यमंत्री ने विधानसभा में बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर संजय पाठक की कंपनियों से 443 करोड़ और जीएसटी की वसूली की जा रही है। जबलपुर कलेक्टर ने राशि जमा करने के लिए 15 दिन का नोटिस भी जारी किया है। वहीं आदिवासियों की जमीनों से जुड़े कई मामले में वे आरोपी हैं। बैगा जाति के आदिवासियों की जमीनें उनके नाम पर बदली गईं। जिनका खरीद-बेच विवाद जारी है।

लाड़ली बहना योजना मध्यप्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है जिसके माध्यम से प्रदेश की महिलाओं को हर माह 1500 रुपए मिलते हैं। यह योजना महिला सशक्तिकरण और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक अहम कदम है। हाल ही में मुख्यमंत्री ने 1.26 करोड़ महिलाओं के खाते में योजना की 31वीं किस्त सीधे उनके खाते में डाली है। लाडली बहना की लाभार्थियों को पहले 1250 रुपए हर महीने मिलते थे। लेकिन पिछले महीने से ही इस राशि को बढ़ाकर 1500 रुपए कर दिया गया है। किस्त की राशि मिलने से लाड़ली बहनों के चेहरे पर मुस्कान है। मुख्यमंत्री ऐलान कर चुके हैं कि चरणबद्ध तरीके से इस राशि में बढ़ोतरी होगी और 2028 तक महिलाओं को 3000 रुपये मिलना शुरू हो जाएगा।

मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में प्रोजेक्ट चीता की चल रहा है, जो विश्व का पहला बड़े मांसाहारी पशु का अंतर-महाद्वीपीय स्थानांतरण था। नवंबर 2025 तक आते-आते: भारतीय भूमि पर पैदा हुई पहली चीता मुखी, खुद पांच स्वस्थ बच्चों की मां बन गई है। मध्यप्रदेश में शुरू हुआ प्रोजेक्ट चीता अब 32 चीतों के परिवार के साथ बड़ी सफलता की ओर बढ़ रहा है। तीन वर्ष पूर्व 17 सितंबर, 2022 को मध्यप्रदेश को चीता परियोजना की सौगात मिली थी। नामीबिया से 8 चीतों को कूनो राष्ट्रीय उद्यान लाया गया था। वर्तमान में कूनो पालपुर और गांधी सागर अभयारण्य में चीतों की संख्या बढ़कर 30 हो गई है।

साल 2025 में मप्र की राजधानी भोपाल में मछली शब्द सुर्खियों में रहा। दरअसल, अगस्त 2025 में, भोपाल पुलिस और प्रशासन ने ड्रग तस्करी, अवैध हथियार रखने, लव जिहाद, बलात्कार और सरकारी जमीन पर कब्जे जैसे गंभीर आरोपों में शामिल एक प्रभावशाली परिवार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की। इस परिवार को मछली परिवार या मछली गैंग के नाम से जाना जाता था, क्योंकि वे मूल रूप से मछली पालन के व्यवसाय से जुड़े थे। प्रशासन ने परिवार के सदस्यों, विशेष रूप से मुख्य आरोपी शारिक मछली और उसके भतीजे यासीन और शाहवर की करोड़ों रुपए की अवैध संपत्तियों, फार्महाउसों और एक 22 करोड़ की आलीशान कोठी पर बुलडोजर चलाया। यासीन और शाहवर मछली को जुलाई 2025 में ड्रग्स और एक पिस्तौल के साथ गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने उनके फोन से आपत्तिजनक वीडियो और चैट्स भी बरामद किए, जिससे कई लड़कियों के शोषण का खुलासा हुआ। जांच में कुछ राजनेताओं, अधिकारियों के नाम भी सामने आए, जिनके इस परिवार से संबंध थे।

मध्य प्रदेश सरकार 2028 में होने वाले उज्जैन सिंहस्थ कुंभ मेले की तैयारी में जुटी है, जिसमें इंफ्रास्ट्रक्चर, शिप्रा नदी की स्वच्छता और श्रद्धालुओं के लिए बेहतर व्यवस्थाएँ शामिल हैं। सिंहस्थ मेले को भव्य बनाने के लिए सड़कों को चौड़ा करने, ई-वाहन चलाने और आपदा प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित कर रही है। दावा किया जा रहा है कि सिंहस्थ कुंभ के दौरान 15 करोड़ श्रद्धालु आएंगे। उसी हिसाब से तैयारियां की जा रही हैं। सिंहस्थ में त्रिवेणी शनि मंदिर 140 करोड़,शक्तिपीठ हरसिद्धि 22 करोड़, चिंतामन गणेश 75 करोड़, भूखी माता मंदिर 3 करोड़, गढ़कालिका मंदिर 7 करोड़ नारायणा धाम 120 करोड़ और सांदीपनि आश्रम 81 करोड़ पर खर्च कर विकास की योजनाएं बनाई गई हैं।