मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने आहत शिक्षकों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट के फैसले से लाखों रिटायर शिक्षकों को लाभ मिलेगा। दरअसल, जबलपुर हाईकोर्ट के जस्टिस एमएस भट्टी की सिंगल बेंच ने अपने एक आदेश में कहा-35 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके कर्मचारी चौथे समयमान वेतनमान के हकदार हैं।
By: Arvind Mishra
Dec 18, 202512:45 PM
जबलपुर। स्टार समाचार वेब
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने आहत शिक्षकों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट के फैसले से लाखों रिटायर शिक्षकों को लाभ मिलेगा। दरअसल, जबलपुर हाईकोर्ट के जस्टिस एमएस भट्टी की सिंगल बेंच ने अपने एक आदेश में कहा-35 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके कर्मचारी चौथे समयमान वेतनमान के हकदार हैं। यह आदेश प्रदेश के उन हजारों रिटायर कर्मचारियों के लिए उम्मीद की किरण है, जो लंबी सेवा के बाद भी अपने एरियर और बढ़े हुए वेतनमान के लिए विभागों के चक्कर काट रहे हैं। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देशित किया है कि पात्र सेवानिवृत्त कर्मचारियों को अगले 60 दिनों के भीतर चौथे समयमान वेतनमान का लाभ प्रदान किया जाए। यह फैसला राज्य सरकार के उस परिपत्र पर आधारित है, जिसमें 1 जुलाई 2023 के बाद रिटायर होने वाले कर्मचारियों के लिए यह प्रावधान किया गया था।
एक नजर में पूरा मामला
मध्यप्रदेश के मंडला जिले के निवासी रिटायर सहायक शिक्षक राकेश कुमार पाल और हीरालाल झारिया ने अपनी मांगों को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। याचिकाकर्ताओं के वकीलों दिनेश कुमार मिश्रा और सुमित्रा तिवारी ने दलील दी कि राज्य सरकार के स्पष्ट नियमों के बावजूद संबंधित अधिकारियों ने आवेदनों पर कोई कार्रवाई नहीं की थी। याचिकाकर्ताओं ने अपनी 35 वर्ष की अनिवार्य सेवा अवधि सफलतापूर्वक पूर्ण कर ली थी, जो चौथे समयमान वेतनमान की मुख्य शर्त है।
हक से वंचित नहीं रखा जा सकता
वे सभी सरकारी कर्मचारी जो 1 जुलाई, 2023 को या उसके बाद सेवानिवृत्त हुए हैं और जिनकी सेवा के 35 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं, वे इस लाभ के पात्र होंगे। कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि जब शासन के स्पष्ट दिशा-निर्देश मौजूद हैं, तो कर्मचारियों को उनके हक से वंचित नहीं रखा जा सकता।