मध्यप्रदेश में चार दिन पहले नौ आईएएस अफसर इधर से उधर किए गए। इस फेरबदल के बाद एमपी के नए प्रशासनिक मुखिया की भी सुगबुगाहट तेज हो गई है। दरअसल, मौजूदा मुख्य सचिव अनुराग जैन और अपर मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया अगस्त में रिटायर होने वाले हैं।
By: Arvind Mishra
Jul 09, 20252:01 PM
भोपाल। स्टार समाचार वेब
मध्यप्रदेश में चार दिन पहले नौ आईएएस अफसर इधर से उधर किए गए। इस फेरबदल के बाद एमपी के नए प्रशासनिक मुखिया की भी सुगबुगाहट तेज हो गई है। दरअसल, मौजूदा मुख्य सचिव अनुराग जैन और अपर मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया अगस्त में रिटायर होने वाले हैं। ऐसे में अगर मुख्य सचिव जैन को एक्सटेंशन नहीं मिलता है तो सीएम सचिवालय में अपर मुख्य सचिव रहे राजौरा सबसे सीनियर आईएएस होंगे। दूसरी ओर, राजौरा के बैच की दिल्ली में पदस्थ महिला आईएएस अलका उपाध्याय ने भी भोपाल में अपनी दिलचस्पी बढ़ा दी है। अनुराग जैन और जेएन कंसोटिया के रिटायर होने पर प्रशासनिक मुखिया के पद के लिए अभी दो नाम चर्चा में हैं। एमपी कैडर के सबसे सीनियर अफसरों में 1990 बैच के डॉ. राजेश राजौरा और दूसरे नंबर पर इसी बैच की अलका उपाध्याय हैं। अलका अभी केंद्र में पशुपालन विभाग की सचिव के रूप में पदस्थ हैं। पिछले दो महीनों में जिस तरह से मप्र के दौरों को लेकर अलका ने दिलचस्पी दिखाई है, इसके बाद यह कयास भी लगाए जा रहे हैं कि सीएस पद के लिए राजौरा की दावेदारी के साथ अलका उपाध्याय भी सक्रिय हैं। उधर, उज्जैन संभागायुक्त और धार्मिक न्यास व धर्मस्व विभाग के विभागाध्यक्ष संजय गुप्ता इसी माह 31 जुलाई को रिटायर होने वाले हैं। गुप्ता के रिटायर होने के बाद मुख्यमंत्री के गृह जिले और संभाग में नए संभागायुक्त की पोस्टिंग की जाएगी।
1989 बैच के आईएएस अनुराग जैन 11 अगस्त को 60 साल के हो रहे हैं। वहीं उन्हीं के बैच के एक अन्य आईएएस होम जेएन कंसोटिया 12 अगस्त को 60 साल की उम्र पूरी करेंगे। दोनों ही अधिकारियों ने 21 अगस्त 1989 को एक साथ आईएएस की नौकरी जॉइन की थी। इसलिए दोनों ही अधिकारी सर्विस रूल के हिसाब से 31 अगस्त को रिटायर होंगे। ऐसे में एमपी के नए मुख्य सचिव के पद को लेकर भी प्रशासनिक गलियारे में चर्चा शुरू हो गई है।
एक अक्टूबर 2024 को मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव बने अनुराग जैन के कार्यकाल में एक्सटेंशन की चर्चा अभी सर्वाधिक है, लेकिन कहा जा रहा है कि अगर जैन को एक्सटेंशन नहीं मिलता तो राजौरा की दावेदारी सबसे अधिक होगी। जैन के सीएस बनने से पहले राजौरा का नाम तय माना जा रहा था। सीएस के एक्सटेंशन का मामला केंद्र की अनुमति से ही होगा और अगर जैन को एक्सटेंशन नहीं दिया जाता है तो नए मुख्य सचिव के पद के लिए नाम भी केंद्र की सहमति से फाइनल होगा।