मध्यप्रदेश कृषि क्षेत्र में एक और नया इतिहास रचने जा रहा है। किसानों को आत्मनिर्भर और खेती को लाभ का धंधा बनाने मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश में मखाना खेती को प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है। इसके तहत प्रदेश के चार जिलों नर्मदापुरम, बालाघाट, छिंदवाड़ा और सिवनी में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है।
By: Arvind Mishra
भोपाल। स्टार समाचार वेब
मध्यप्रदेश कृषि क्षेत्र में एक और नया इतिहास रचने जा रहा है। किसानों को आत्मनिर्भर और खेती को लाभ का धंधा बनाने मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश में मखाना खेती को प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है। इसके तहत प्रदेश के चार जिलों नर्मदापुरम, बालाघाट, छिंदवाड़ा और सिवनी में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। योजना का उद्देश्य किसानों को मखाना उत्पादन के लिए आकर्षित करना और नए कृषि व्यवसाय को बढ़ावा देना है। उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री कुशवाह ने कहा कि मखाना उत्पादन सिंघाड़े की तरह छोटे तालाबों में किया जाता है। बिहार की तर्ज पर छोटे उत्पादन इकाइयों के माध्यम से किसानों को मखाना फल देने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। मखाना की भारत सहित अरब और यूरोप में अच्छी मांग है, इसलिए प्रदेश की जलवायु में इसके उत्पादन की संभावना अच्छी है।
आयुक्त उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण अरविंद दुबे ने एक चर्चा के दौरान बताया कि चार जिलों में 150 हेक्टेयर क्षेत्र में मखाना खेती विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए 45 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे।
मखाना उत्पादन करने वाले किसानों को प्रति हेक्टेयर 75 हजार रुपए या लागत का 40 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। योजना में अब तक 99 किसानों ने आनलाइन आवेदन किया है। यह पहल किसानों के लिए नए आय स्रोत और प्रदेश में मखाना उद्योग के विकास का अवसर प्रदान करेगी।