टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश में एक और युवा बाघ की मौत हो गई। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में दो साल के बाघ की मौत हो गई है। वह दो दिन से एक ही स्थान पर मौजूद था। पार्क प्रबंधन बाघ की निगरानी कर रहा था। कल उसकी मौत हो गई।
By: Arvind Mishra
Nov 22, 202510:55 AM
उमरिया। स्टार समाचार वेब
टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश में एक और युवा बाघ की मौत हो गई। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में दो साल के बाघ की मौत हो गई है। वह दो दिन से एक ही स्थान पर मौजूद था। पार्क प्रबंधन बाघ की निगरानी कर रहा था। कल उसकी मौत हो गई। यहां सबसे चौकाने वाली बात यह है कि दो महीने में चार बाघों की मौत हो चुकी है। इससे पार्क प्रबंधन में हड़कंप मच गया है। इधर, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक बाघ की मौत बड़े ही आश्चर्यजनक ढंग से हो गई। इस बाघ पर पिछले दो दिनों से नजर रखी जा रही थी, और देखते-देखते ही उसकी जान चली गई। यह बाघ बूढ़ा भी नहीं था और बीमार भी नहीं था। इस बाघ की उम्र महज दो साल थी और अभी इसे शावक ही कहा जा रहा था। इस बाघ के गांव की दिशा में जाने की आशंका बनी हुई थी, जिसकी वजह से उसे पर नजर रखी जा रही थी। दावा किया जा रहा है कि बाघ की मौत हार्ट अटैक से हुई है। हालांकि अभी बाघ का पीएम नहीं हुआ है और ना ही कोई रिपोर्ट आई है।
देर शाम को आई जानकारी
शुक्रवार की देर शाम यह जानकारी सामने आई कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक बाघ की मौत हो गई है। बाघ की मौत की यह घटना टाइगर रिजर्व के पतौर रेंज में हुई है। हालांकि इस घटना को लेकर देर शाम तक किसी तरह की कोई पुष्टि पार्क प्रबंधन ने नहीं की थी।
आज कराया जाएगा पीएम
देर रात बाघ की मौत के मामले में जानकारी दी गई और दूर से लिया गया फोटो, वीडियो भी जारी किया गया। इस बारे में वन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बाघ की मौत के बाद प्रबंधन अलर्ट हो गया था। देर रात पार्क प्रबंधन ने यह भी बताया कि बाघ के शव का परीक्षण शनिवार की सुबह किया जाएगा।
बैठे-बैठे मर गया बाघ
देर रात पार्क प्रबंधन ने जारी बयान में बताया कि 20 नवंबर को पतौर परिक्षेत्र, अंतर्गत ग्राम कुश्माह के कृषि राजस्व क्षेत्र में एक बाघ के लेंटाना में बैठे होने की सूचना मिली थी। इस पर वन स्टाफ द्वारा मौके पर पहुंचकर दूर से बाघ की निगरानी की गई।
दोपहर में तोड़ा दम
निगरानी के दौरान दोपहर में बाघ की मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम एवं शव दाह शनिवार को किया जाएगा। मृत्यु का कारण अभी स्पष्ट नहीं है। सूचना मिलते ही वरिष्ठ विभागीय अमले द्वारा तुरंत स्थल पर पहुंचकर मानक संचालन प्रक्रिया एसओपी के तहत आवश्यक कार्रवाई प्रारंभ की गई।