संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। यह सत्र 21 अगस्त तक चलेगा, जिसमें कुल 21 बैठकें होंगी। साथ ही कई विधेयक भी सरकार द्वारा पेश किए जाएंगे। गौरतलब है कि 12 अगस्त से 18 अगस्त के बीच कोई बैठक निर्धारित नहीं की गई है। दरअसल, संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हो रहा है।
By: Arvind Mishra
Jul 20, 2025just now
संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। यह सत्र 21 अगस्त तक चलेगा, जिसमें कुल 21 बैठकें होंगी। साथ ही कई विधेयक भी सरकार द्वारा पेश किए जाएंगे। गौरतलब है कि 12 अगस्त से 18 अगस्त के बीच कोई बैठक निर्धारित नहीं की गई है। दरअसल, संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हो रहा है। पूरे एक महीने तक चलेगा। पिछली बार संसद की कार्यवाही बजट सत्र के दौरान मार्च और अप्रैल में हुई थी। इसके बाद बीते 108 दिन में पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर से लेकर एयर इंडिया क्रैश तक काफी कुछ घटनाएं हुई हैं। सत्र में इन्हीं मुद्दों पर हंगामे के आसार हैं। मानसून सत्र में पहलगाम हमला, ऑपरेशन सिंदूर, रूस के साथ बिगड़ते संबंध, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के सीजफायर के दावे जैसे मुद्दे हावी रहेंगे। इसके अलावा सबकी नजरें बिहार से जुड़े मुद्दों पर रहेंगी। बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले ये आखिरी संसद सत्र होगा। वहीं एक चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मामलों और लंबित विधेयकों पर चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है। सोमवार से संसद शुरू होने वाली है। संसद में जो भी मुद्दा आएगा, हम उसे सुनेंगे। कल खड़गे जी और राहुल गांधी के साथ मेरी बहुत अच्छी बैठक हुई। मैं अन्य विपक्षी दलों के नेताओं के साथ नियमित बैठकें करता रहता हूं। एक संसदीय मंत्री होने के नाते, सभी के साथ समन्वय बनाए रखना मेरी जिम्मेदारी है।
कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले को 3 महीने होने वाले हैं। इस हमले में आतंकियों ने 26 भारतीयों की हत्या कर दी थी। अब तक हमले में शामिल आतंकियों का पता नहीं चला है। ऐसे में विपक्ष पहलगाम हमले और इसकी जांच में नाकामी का मुद्दा उठाकर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा।
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था। इसके बाद से विपक्ष बार-बार भारत की विदेश नीति पर सवाल उठाता रहा है। इस ऑपरेशन में भारत को हुए नुकसान की जानकारी मांग रहा है। ऐसे में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर इंडिया ब्लॉक सरकार से सवाल पूछने की तैयारी कर रहा है।
12 जून, 2025 को अहमदाबाद में एयर इंडिया का विमान क्रैश होने से 270 लोगों की मौत हो गई थी। अब हादसे की वजह, जांच और पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं। एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो की शुरुआती जांच रिपोर्ट पर भी सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस और बाकी विपक्षी पार्टियां विमान हादसे की जिम्मेदारी पर सवाल उठाएंगी।
बिहार में साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव आयोग यहां वोटर लिस्ट को नए सिरे से तैयार करने के लिए स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन का अभियान चला रहा है। संसद में सबसे ज्यादा हंगामा इसी पर हो सकता है। इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टियां भाजपा के खिलाफ एकजुट हो सकती हैं। विपक्ष ने चुनाव आयोग के काम में अनियमितता और पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया है।
मई 2023 में शुरू हुई मणिपुर हिंसा को दो साल से ज्यादा वक्त हो चुका है। अब तक समस्या जस की तस बनी हुई है। पूरा राज्य कुकी और मैतेई इलाकों में बंटा हुआ है। दोनों समुदाय के लोग एक दूसरे के इलाके में नहीं जा सकते। मणिपुर समस्या हल करने और राज्य में राष्ट्रपति शासन खत्म करने की मांग संसद में उठ सकती है। भाजपा राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाने की मांग का प्रस्ताव ला सकती है।
कांग्रेस आरोप लगाती रही है कि मोदी सरकार की विदेश नीति चीन के प्रति कमजोर और नरम रही है। ऐसे में विपक्ष चीन के साथ सीमा विवाद, हाल में हुए तनाव और चीनी दावों का जवाब मांग सकता है। इसके अलावा ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की विदेश नीति को लेकर भी कांग्रेस सरकार को कठघरे में खड़ा करने की तैयारी कर रही है। केंद्र ने ऑपरेशन सिंदूर पर भारत का पक्ष रखने के लिए आल पार्टी डेलिगेशन अलग-अलग देशों में भेजे थे।
नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेस बिल, नेशनल एंटी-डोपिंग संशोधन बिल, मणिपुर जीएसटी संशोधन बिल, जन विश्वास (संशोधन) बिल, भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) बिल, टैक्सेशन लॉ (संशोधन) बिल, भू-विरासत स्थल और भू-अवशेष (संरक्षण और रखरखाव) बिल, मर्चेंट शिपिंग बिल और इंडियन पोर्ट्स बिल सरकार मानसून सत्र के दौरान प्राथमिकता के साथ पेश करेगी। साथ ही उसका जोर रहेगा कि सभी बिल दोनों सदनों से पास भी हो जाएं।
इधर, रविवार को मानसून सत्र को लेकर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दिल्ली में सर्वदलीय बैठक की। बैठक में सत्र के दौरान सरकार की संसद में पेश किए जाने वाले विधेयकों पर आपसी सहमति बनाने की कोशिश की गई। इनके अलावा संसद को सुचारू रूप से चलाने को लेकर भी बातचीत की गई। केंद्रीय मंत्री और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कांग्रेस के जयराम रमेश, प्रमोद तिवारी, के सुरेश, गौरव गोगोई, एआईएडीएमके के थम्बीदुरई, जॉन ब्रिटास, टीआर बालू, एलजेपी के अरुण भारती, सुप्रिया सुले, आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन शामिल हुए। इनके अलावा, बीजेडी के सस्मित पात्रा, जेडीयू के संजय झा, वाईएसआरसीपी के गुरु मूर्ति, अनुप्रिया पटेल, आरएलडी के डॉक्टर राजकुमार सांगवान, आरएसपी के रामदास अठावले, श्रीकांत शिंदे समेत कई नेता सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे। साथ ही आप के संजय सिंह, डीएमके के टी सिवा भी बैठक में शामिल हुए।