प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 अप्रैल, 2023 को कर्नाटक के मैसूर में सात बड़ी बिल्लियों, बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, चीता, जगुआर और प्यूमा के वैश्विक संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय बिग कैट अलायंस (कइउअ) की शुरूआत की थी।
By: Sandeep malviya
Aug 24, 202515 hours ago
काठमांडू। नेपाल आधिकारिक तौर पर अंतरराष्ट्रीय बिग कैट अलायंस (आईबीसीए) में शामिल हो गया है। अंतरराष्ट्रीय बिग कैट अलायंस, भारत के नेतृत्व में चल रही एक वैश्विक पहल है, जिसका उद्देश्य बिग कैट की सात प्रजातियों का संरक्षण है। आईबीसीए, बिग कैट संरक्षण में रुचि रखने वाले 90 से अधिक देशों का एक बहु-देशीय, बहु-एजेंसी गठबंधन है।
आईबीसीए ने जारी किया बयान
आईबीसीए ने शनिवार को घोषणा की, 'नेपाल फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर करके औपचारिक रूप से अंतरराष्ट्रीय बिग कैट अलायंस में शामिल हो गया है। अपने भूभाग में हिम तेंदुआ, बाघ और सामान्य तेंदुआ होने के कारण, नेपाल का आईबीसीए में शामिल होना बिग कैट संरक्षण के लिए वैश्विक सहयोग को मजबूत करेगा।' आईबीसीए ने 'साझा पारिस्थितिक सुरक्षा की दिशा में इस महत्वपूर्ण कदम के लिए नेपाल सरकार को बधाई दी है।'
भारत ने की थी बिग कैट अलायंस की शुरूआत
नेपाल में साल 2009 में बाघों की संख्या 121 थी, जो अब साल 2022 तक तीन गुना बढ़कर 355 हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 अप्रैल, 2023 को कर्नाटक के मैसूर में सात बड़ी बिल्लियों, बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, चीता, जगुआर और प्यूमा के वैश्विक संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय बिग कैट अलायंस (कइउअ) की शुरूआत की थी। भारत के पास बाघों के संरक्षण में एक लंबा अनुभव है और शेर, हिम तेंदुआ और तेंदुए जैसी अन्य बड़ी बिल्लियों के लिए अनुकरणीय संरक्षण मॉडल हैं। अंतरराष्ट्रीय बिग कैट अलायंस के प्लेटफार्म की मदद से बिग कैट रेंज के देश अपने अनुभव साझा कर सकते हैं और बाघों, चीतों आदि के संरक्षण के लिए संसाधन जुटा सकते हैं।