कंगाल के चलते पाकिस्तान का हाल बेहाल है। आईएमएफ समेत तमाम मित्र देशों की आर्थिक मदद भी उसे संकट से उबार नहीं पा रही है। अब हालात यहां तक खराब हो चुके हैं कि शहबाज शरीफ सरकार को पाकिस्तान की सरकारी एयरलाइन कंपनी पीआईए तक बेचनी पड़ी है। ये सौदा 135 अरब रुपए में हुआ है।
By: Arvind Mishra
Dec 24, 202512:08 PM
इस्लामाबाद। स्टार समाचार वेब
कंगाल के चलते पाकिस्तान का हाल बेहाल है। आईएमएफ समेत तमाम मित्र देशों की आर्थिक मदद भी उसे संकट से उबार नहीं पा रही है। अब हालात यहां तक खराब हो चुके हैं कि शहबाज शरीफ सरकार को पाकिस्तान की सरकारी एयरलाइन कंपनी पीआईए तक बेचनी पड़ी है। ये सौदा 135 अरब रुपए में हुआ है। पाक ने नेशनल फ्लैग-कैरियर के प्राइवेटाइजेशन प्रोसेस को सफलतापूर्वक पूरा किया और पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय एयरलाइन को एक लोकल इन्वेस्टमेंट कंपनी के लीडरशिप वाले कंसोर्टियम को बेच दिया।
इस्लामाबाद में बेचने की प्रक्रिया
पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस का निजीकरण करने की सेरेमनी इस्लामाबाद में हुई, जहां लकी सीमेंट, प्राइवेट एयरलाइन एयरब्लू और इन्वेस्टमेंट फर्म आरिफ हबीब समेत तीनों प्री-क्वालिफाइड पार्टियों ने अपनी सीलबंद बिड्स एक ट्रांसपेरेंट बॉक्स में जमा कीं। दूसरे चरण में जब ये बिड्स खोली गईं, तो आरिफ हबीब सबसे ज्यादा बड़े बिडर बनकर सामने आए।
आरिफ हबीब के हाथ लगी पीआईए
बिड खुलने के बाद, पाकिस्तान सरकार की ओर से बताया गया कि घाटे में चल रही पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के लिए रेफरेंस प्राइस 100 अरब रुपए तय किया गया था। नियमों के तहत सबसे अधिक बोली लगाने वाले दो लोगों को शुरुआती आक्शन प्रोसेस में मुकाबला करने का मौका दिया गया। आरिफ हबीब और लकी सीमेंट दोनों ने एयरलाइन को जीतने के लिए कड़ा मुकाबला दिखाया और बिड बोली की रकम को बढ़ाते गए। जब आरिफ हबीब ग्रुप ने 135 अरब का आफर दिया, तो लकी सीमेंट के एक सदस्य ने उन्हें बधाई दे दी।
शहबाज सरकार का यह था प्लान
दरअसल, सरकार पीआईए में 75 फीसदी हिस्सेदारी आफर कर रही थी, लेकिन सफल बोली लगाने वाले के पास अब बाकी की बची 25 प्रतिशत स्टेकहोल्डिंग खरीदने के लिए 90 दिन का समय होगा। नियमों के मुताबिक, पीआईए के शुरुआती 75 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री से होने वाली कमाई का 92.5 फीसदी एयरलाइन को रीइन्वेस्टमेंट के लिए दिया जाएगा, जबकि बाकी 7.5 फीसदी हिस्सेदारी का पैसा सरकार को ट्रांसफर किया जाएगा। इन्वेस्टर को अगले 5 सालों में 80 अरब का निवेश भी करना होगा।
लाइव प्रसारित हुई बिडिंग प्रक्रिया
पीआईए को बेचे जान के दौरान पारदर्शिता के मद्देनजर सरकार ने पूरा बिडिंग प्रोसेस लोकल टेलीविजन पर लाइव किया था। यह नीलामी एयरलाइन को बेचने की दूसरी कोशिश थी। इससे पहले बीते साल भी सरकार ने ये प्रयास किया था, लेकिन कीमत नहीं मिलने से ये टल गई थी। पीएम शहबाज ने फेडरल कैबिनेट की एक मीटिंग में सरकारी अधिकारियों और प्राइवेटाइजेशन कमीशन को पीआईए के प्राइवेटाइजेशन में रोल निभाने के लिए धन्यवाद दिया।