एक ओर जहां अमेरिका की ओर से भारत पर 25 फीसदी का टैरिफ लगाने का ऐलान किया गया है, तो वहीं दूसरी ओर ट्रंप प्रशासन इतने से ही नहीं मान रहा है। रूस के साथ कारोबार करने पर जुर्माने का ऐलान किया गया, तो वहीं ईरान के साथ पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के लेन-देन पर भी भारत के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया गया है।
By: Arvind Mishra
Jul 31, 202513 hours ago
एक ओर जहां अमेरिका की ओर से भारत पर 25 फीसदी का टैरिफ लगाने का ऐलान किया गया है, तो वहीं दूसरी ओर ट्रंप प्रशासन इतने से ही नहीं मान रहा है। रूस के साथ कारोबार करने पर जुर्माने का ऐलान किया गया, तो वहीं ईरान के साथ पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के लेन-देन पर भी भारत के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया गया है और इसके तहत छह भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया गया है। इनमें एलकेमिकल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, ग्लोबल इंडस्ट्रियल केमिकल्स लिमिटेड, जुपिटर डाई केम प्राइवेट लिमिटेड जैसी कंपनियां शामिल हैं। दरअसल, अमेरिका ने भारत को एक और झटका दे दिया है। अमेरिकी का कहना है कि ये कंपनियां ईरान के साथ व्यापार कर रही थीं। अमेरिका ने कहा कि ईरान अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा क्षेत्रीय संघर्ष को बढ़ावा देने के लिए लगा रहा है। उसने ईरान पर आतंकवाद का साथ देने का भी आरोप लगाया। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि ईरानी सरकार मध्य पूर्व में संघर्ष को बढ़ावा देती है। अस्थिरता फैलाने के लिए पैसे का इस्तेमाल करती है। अमेरिका इस रेवेन्यू सोर्स को रोकने के लिए कदम उठा रहा है, जिसे ईरान आतंकवाद को समर्थन देने और अपने लोगों पर अत्याचार करने के लिए उपयोग करता है।
अमेरिका ने जहां रूस के साथ कारोबार करने पर भारत के ऊपर जुमार्ने लगाने का ऐलान किया है, तो वर के निशाने पर ऐसी भारतीय कंपनियां भी आ गई हैं, जो ईरान के साथ पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स का लेन-देन करती हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अनुसार, इसे लेकर छह भारतीय कंपनियों को कार्यकारी आदेश-13846 के तहत प्रतिबंधित किया गया है। ट्रंप प्रशासन का ये फैसला दरअसल, सीधे तौर पर ईरान के पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल सेक्टर को टारगेट करता है। अमेरिका प्रशासन की ओर से इन भारतीय कंपनियों पर बैन का ऐलान करते हुए आरोप लगाया गया है कि ये जानबूझकर इरानी पेट्रोलिय उत्पाद की खरीद और डिस्ट्रीब्यूशन के लिए महत्वपूर्ण लेनदेन में शामिल हैं, जो ईरान पर लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों का सीधा उल्लंघन है।
अमेरिका की ओर से प्रतिबंधित की गईं भारतीय कंपनियों में देश के कुछ प्रमुख पेट्रोकेमिकल बिजनेस ग्रुप शामिल हैं। इनमें कंचन पॉलिमार का नाम है, जिसने तानाइस ट्रेडिंग से पॉलीइथिलीन सहित 1.3 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक मूल्य के ईरानी पेट्रोकेमिकल प्रोडक्ट्स का आयात और खरीद की है, जिसके चलते उस पर बैन लगाया गया है।
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंपकी ओर से भारत पर भारी-भरकम 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया गया है, जो 1 अगस्त 2025 से लागू हो जाएगा। ट्रंप की ओर से इस 25 फीसदी टैरिफ का प्रमुख टारगेट भारत के कई बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले निर्यात क्षेत्र हैं। इनमें आॅटोमोबाइल, आॅटो कंपोनेंट, स्टील, एल्युमीनियम, स्मार्टफोन, सोलर मॉड्यूल, मरीन प्रोडक्ट, रत्न, आभूषण और खाद्य व कृषि उत्पाद सभी 25 प्रतिशत की सूची में हैं। हालांकि, फार्मा, सेमीकंडक्टर और जरूरी खनिजों को टैरिफ से बाहर रखा गया है।