बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले हुए वोटर लिस्ट के रिवीजन यानी एसआईआर के मुद्दे पर सियासत गर्म है। इस दौरान ही चुनाव आयोग पूरे देश में वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण में जुट गया है। राष्ट्रीय स्तर पर सत्यापन कराने को लेकर आयोग ने कदम बढ़ा दिए हैं। राष्ट्रव्यापी मंथन के लिए राज्यों के चीफ इलेक्शन कमिश्नर्स से के साथ बैठक का फैसला किया है।
By: Arvind Mishra
Sep 07, 2025just now
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले हुए वोटर लिस्ट के रिवीजन यानी एसआईआर के मुद्दे पर सियासत गर्म है। इस दौरान ही चुनाव आयोग पूरे देश में वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण में जुट गया है। राष्ट्रीय स्तर पर सत्यापन कराने को लेकर आयोग ने कदम बढ़ा दिए हैं। राष्ट्रव्यापी मंथन के लिए राज्यों के चीफ इलेक्शन कमिश्नर्स से के साथ बैठक का फैसला किया है। दरअसल, देशभर में मतदाताओं के सत्यापन के लिए दिल्ली में 10 सितंबर को बड़ी बैठक होने जा रही है। बैठक में सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारी शामिल होंगे। इसमें देशभर में एसआईआर कराने को लेकर रणनीति पर चर्चा होगी। यह मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के फरवरी में पद संभालने के बाद तीसरी बैठक होगी।
चुनाव आयोग ने कहा है कि बिहार के बाद वोटर लिस्ट जांच की प्रक्रिया पूरे देश में लागू की जाएगी। साल के आखिरी में यानी दिसंबर में इसकी शुरुआत हो जाएगी, ताकि 2026 में असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट को अपडेट किया जा सके।
चुनाव आयोग के अनुसार, सत्यापन का उद्देश्य मतदाता सूची को अपडेट करना और अवैध मतदाताओं जैसे विदेशी नागरिकों, मृत व्यक्तियों या स्थानांतरित लोगों को हटाना है। इस बीच कई राज्यों में बांग्लादेश और म्यांमार से आए प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई चल रही है।
24 जून को जारी एक आदेश में चुनाव आयोग ने देश भर के लिए एसआईआर आयोजित करने का निर्णय लिया था लेकिन इसे शुरुआत में केवल बिहार में, राज्य में विधानसभा चुनावों से पहले लागू किया गया था। शेष राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए, आयोग ने कहा था कि आदेश निश्चित समय के अनुसार ही जारी किए जाएंगे।