भारतीय सैनिकों के हाथ में जल्द ही स्टर्लिंग कार्बाइन की जगह आधुनिक मशीन गन नजर आएगी। भारतीय सेना में सैनिक क्लोज क्वार्टर बैटल (सीक्यूबी) कार्बाइन का इस्तेमाल करते नजर आएंगे। सेना ने डीआरडीओ और भारत फोर्ज लिमिडेट को सीक्यूबी कार्बाइन बनाने का आर्डर दिया है।
By: Arvind Mishra
Jun 23, 202512:13 PM
नई दिल्ली। स्टार समाचार बेव
भारतीय सैनिकों के हाथ में जल्द ही स्टर्लिंग कार्बाइन की जगह आधुनिक मशीन गन नजर आएगी। भारतीय सेना में सैनिक क्लोज क्वार्टर बैटल (सीक्यूबी) कार्बाइन का इस्तेमाल करते नजर आएंगे। सेना ने डीआरडीओ और भारत फोर्ज लिमिडेट को सीक्यूबी कार्बाइन बनाने का आर्डर दिया है। दो हजार करोड़ के के इस ठेके के साथ डीआरडीओ और भारत फोर्ज लिमिटेड को सेना की प्रमुख खरीद निविदा में सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी के तौर पर चुना गया है। इस कार्बाइन का निर्माण फोर्ज की पुणे मे इकाई में होगा। भारतीय सेना के एल1 बोलीदाता के रूप में डीआरडीओ और भारत फोर्ज के चयन से साफ है कि इसमें सभी तकनीकी जरूरतों को पूरा करते हुए सबसे कम कीमत पेश की और बड़ा अनुबंध हासिल किया। डीआरडीओ ने बताया कि 5.56x45 मिमी सीक्यूबी कार्बाइन को डीआरडीओ के आयुध अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान डीआरडीओ ने डिजाइन और विकसित किया है। साथ ही भारत फोर्ज लिमिटेड ने बनाया है।
दोनों के प्रस्ताव को भारतीय सेना आरएफपी में एल1 के रूप में चुना गया है। भारत फोर्ज की सहायक कंपनी कल्याणी स्ट्रेटेजिक सिस्टम्स लिमिटेड की पुणे इकाई में कार्बाइन का उत्पादन किया जाएगा। यह अनुबंध दो हजार के दशक में सेना मे इंसास राइफल के शामिल होने के बाद भारत में डिजाइन, विकसित और निर्मित हथियार प्रणाली के लिए सबसे बड़ा है।
गौरतलब है कि भारतीय सेना में मौजूदा समय में 1940 में डिजाइन की गई सब मशीन गन स्टर्लिंग कार्बाइन का उपयोग किया जाता है। सेना लंबे समय से स्टर्लिंग कार्बाइन को बदलने की तैयारी कर रही थी। स्टर्लिंग कार्बाइन मौजूदा युद्ध परिस्थितियों के हिसाब से पुरानी मानी जाती है। इसलिए पुणे में डीआरडीओ के एआरडीई ने नई कार्बाइन डिजाइन का संकल्प लिया।
5.56x45 मिमी सीक्यूबी कार्बाइन की विशेषता है कि यह हल्की, नजदीकी मुठभेड़ों में सटीक जवाब देने में सक्षम है। इसमें कई आधुनिक विशेषताएं हैं। इसके डिजाइन में आप्टिक्स, लेजर डिजाइनर और सहायक उपकरण लगाए गए हैं।