नेपाल में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाने के बाद बवाल मच गया है। प्रदर्शनकारी पुलिस बैरिकेड्स तोड़कर संसद भवन में घुस गए। जहां पुलिस ने आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया। वहीं दावा किया जा रहा है कि उग्र भीड़ देखकर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां भी दागी हैं।
By: Arvind Mishra
काठमांडू। स्टार समाचार वेब
नेपाल में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाने के बाद बवाल मच गया है। प्रदर्शनकारी पुलिस बैरिकेड्स तोड़कर संसद भवन में घुस गए। जहां पुलिस ने आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया। वहीं दावा किया जा रहा है कि उग्र भीड़ देखकर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां भी दागी हैं। जिसमें मौत भी हो गई। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि मृतक कितने हैं और कौन हैं। फायरिंग में कई प्रदर्शनकारी घायल भी हुए हैं। राजधानी काठमांडू के कुछ इलाकों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। दरअसल, भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फैसले के खिलाफ नेपाल में युवाओं ने सोमवार को काठमांडू में जमकर विरोध प्रदर्शन किया। जेनरेशन जेड पीढ़ी के युवाओं ने सड़कों पर सरकार के फैसले के खिलाफ आवाज बुलंद की। प्रदर्शन के दौरान लोग काफी उग्र हो गए। देखते ही देखते हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस को हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी दागे। इस दौरान प्रदर्शकारी बैरिकेड कूदकर भागते नजर आए। दावा किया जा रहा है कि प्रदर्शनकारी संसद भवन में भी घुस गए हैं। पुलिस ने हालात संभालने के लिए हवाई फायरिंग भी की है। इस दौरान कुछ लोग घायल भी बताए जा रहे हैं। हालात और बिगड़ पाएं, इसलिए सेना को मोर्चे पर उतार दिया गया है।
न्यू बानेश्वर में प्रदर्शन के दौरान पुलिस की गोलीबारी में कुछ प्रदर्शनकारी घायल भी हुए हैं। घायलों को इलाज के लिए एवरेस्ट अस्पताल, सिविल अस्पताल और आसपास के अन्य अस्पतालों में ले जाया गया है। हामी नेपाल संगठन ने प्रदर्शनकारियों को प्राथमिक उपचार प्रदान करने के लिए मैतीघर में एक प्राथमिक चिकित्सा शिविर स्थापित किया है। मैतीघर में छह से सात लोगों का इलाज चल रहा है, जबकि ज्यादातर घायल एवरेस्ट अस्पताल में हैं। हालांकि, घायलों की सटीक संख्या की पुष्टि अब तक नहीं हुई है।
सोमवार सुबह 9 बजे से प्रदर्शनकारी काठमांडू के मैतीघर में एकत्रित होने लगे। हाल के दिनों में नेपो किड और नेपो बेबीज जैसे हैशटैग आनलाइन ट्रेंड कर रहे हैं। सरकार की ओर से अपंजीकृत प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक करने के फैसले के बाद इसमें और तेजी आई है। काठमांडू जिला प्रशासन कार्यालय के अनुसार, हामी नेपाल ने इस रैली का आयोजन किया था। इसके लिए पूर्व अनुमति ली गई थी।
समूह के अध्यक्ष सुधन गुरुंग ने कहा कि यह विरोध प्रदर्शन सरकारी कार्रवाइयों और भ्रष्टाचार के विरोध में था। देश भर में इसी तरह के प्रदर्शन हो रहे हैं। उन्होंने छात्रों से भी अपनी यूनिफॉर्म पहनकर और किताबें लेकर प्रदर्शन में शामिल होने का आग्रह किया।
सरकार के मुताबिक, नेपाल में सोशल मीडिया कंपनियों को पंजीकरण के लिए 28 अगस्त से सात दिन का समय दिया गया था। बुधवार को जब समय सीमा समाप्त हो गई, तब भी किसी भी बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म - जिसमें मेटा (फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप), अल्फाबेट (यूट्यूब), एक्स, रेडिट और लिंक्डइन शामिल थे, पंजीकरण नहीं कराया। जिसके बाद सरकार ने गुरुवार से इन कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया।