बिहार में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। अब आधार कार्ड को भी नागरिकता साबित करने वाले 11 दस्तावेजों के अलावा 12वें दस्तावेज के रूप में इस्तेमाल किया जा सकेगा, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि आधार नागरिकता का प्रमाण नहीं है और चुनाव आयोग इसकी जांच कर सकता है।
By: Ajay Tiwari
Sep 08, 20259 hours ago
नई दिल्ली. स्टार समाचार वेब
बिहार में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के दौरान मतदाता सूची से नाम हटने की शिकायतों के बीच सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि चुनाव आयोग द्वारा नागरिकता साबित करने के लिए जारी किए गए 11 दस्तावेजों की सूची में आधार कार्ड को 12वें दस्तावेज़ के रूप में शामिल किया जा सकता है।
आधार कार्ड, नागरिकता का प्रमाण नहीं
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि हालांकि आधार कार्ड का उपयोग नागरिकता साबित करने के लिए किया जा सकता है, फिर भी इसे नागरिकता का पुख्ता प्रमाण नहीं माना जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को यह अधिकार दिया है कि वह आधार कार्ड की प्रामाणिकता और वास्तविकता की जांच कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने पुराने फैसले को बरकरार रखा है जिसमें कहा गया था कि आधार अधिनियम के तहत आधार कार्ड नागरिकता का प्रमाण नहीं है।
चुनाव आयोग के 11 दस्तावेज
चुनाव आयोग ने SIR प्रक्रिया के तहत नागरिकता साबित करने के लिए पहले 11 दस्तावेज़ों की सूची जारी की थी। इसमें शामिल हैं: