विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि वाणिज्य दूतावास के खुलने से भारतीय और रूसी उद्योगों के बीच तकनीकी, वैज्ञानिक, आर्थिक और व्यापार सहयोग को सक्षम और मजबूत करने में मदद मिलेगी।
By: Sandeep malviya
Nov 19, 20255:49 PM
मास्को। भारत ने रूस के साथ अपने रिश्तों को मजबूत करने की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाया है। भारत ने रूस के येकातेरिनबर्ग और कजान में दो नए महावाणिज्य दूतावासों का उद्घाटन किया। इस मौके पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, "यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण दिन है जब हम इस देश में दो और महावाणिज्य दूतावास जोड़ रहे हैं।''
एस जयशंकर ने कहा कि ये महावाणिज्य दूतावास दोनों देशों के बीच सिर्फ संबंध मजबूत नहीं करेंगे, बल्कि इससे आशा है कि भारत के साथ रूस का द्विपक्षीय व्यापार 2030 तक 100 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। गौरतलब है कि फिलहाल भारत और रूस के बीच 68.7 बिलियन डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार होता है।
एस जयशंकर ने कार्यक्रम में शामिल लोगों से कहा, ''मैं कहना चाहता हूं कि पिछले कुछ महीनों से इन वाणिज्य दूतावासों की स्थापना के लिए लगातार काम चल रहा था। येकातेरिनबर्ग को अक्सर अपने औद्योगिक महत्व की वजह से रूस की तीसरी राजधानी कहा जाता है और यह साइबेरिया का प्रवेश द्वार है। अपनी भारी इंजीनियरिंग, रत्न कटाई, रक्षा निर्माण, धातु विज्ञान, परमाणु ईंधन, रसायन और चिकित्सा उपकरणों के लिए जाना जाने वाला यह क्षेत्र रूस के सबसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मंचों में से एक, इन्नोप्रोम की मेजबानी करता है।''
विदेश मंत्री ने कहा कि वाणिज्य दूतावास के खुलने से भारतीय और रूसी उद्योगों के बीच तकनीकी, वैज्ञानिक, आर्थिक और व्यापार सहयोग को सक्षम और मजबूत करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, "कजान अपने तेल उत्पादन और शोधन, उर्वरकों, आटोमोबाइल, रक्षा निर्माण, फार्मास्यूटिकल्स और विद्युत उपकरणों के लिए प्रसिद्ध है।''
उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि दो नए वाणिज्य दूतावासों के खुलने से भारत-रूस संबंध और मजबूत होंगे और यह निश्चित रूप से हमारे संबंधों में एक नए चरण की शुरूआत करेगा। उन्होंने कहा कि रूस में बड़ी संख्या में और भारत के अलग-अलग राज्यों से आए प्रवासी हैं, जिनमें आज 30,000 से अधिक भारतीय छात्र शामिल हैं।
जयशंकर ने कहा कि इनमें से करीब 7,000 कजान के महावाणिज्य दूतावास के अधिकार क्षेत्र में और 3,000 येकातेरिनबर्ग के अधिकार क्षेत्र में रहते हैं।" गौरतलब है कि महावाणिज्य दूतावासों के उद्घाटन से पहले एस जयशंकर ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी। विदेश मंत्री जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के लिए मास्को पहुंचे हैं।