भारत पर अमेरिका की तरफ से 50 प्रतिशत टैरिफ लागू होने से ठीक एक दिन पहले घरेलू शेयर बाजार में जोरदार गिरावट दर्ज की गई है। भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक वार्ता विफल रहने के बाद 27 अगस्त से नई टैरिफ दरें प्रभावी हो जाएंगी। हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन की शुरुआत में ही निवेशकों का भरोसा डगमगा गया।
By: Arvind Mishra
Aug 26, 20259 hours ago
भारत पर अमेरिका की तरफ से 50 प्रतिशत टैरिफ लागू होने से ठीक एक दिन पहले घरेलू शेयर बाजार में जोरदार गिरावट दर्ज की गई है। भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक वार्ता विफल रहने के बाद 27 अगस्त से नई टैरिफ दरें प्रभावी हो जाएंगी। हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन की शुरुआत में ही निवेशकों का भरोसा डगमगा गया। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में ही टूटा और लाल निशान पर आ गया। इसी तरह, निफ्टी भी नीचे फिसलकर कारोबार करता दिखा। दरअसल, शेयर बाजार पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक्स्ट्रा टैरिफ का असर साफ देखने को मिला है, जो बुधवार से लागू होने वाला है। ट्रंप ने पहले भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया था और रूसी तेल की खरीद पर एक्स्ट्रा 25 फीसदी का टैरिफ लगाने का ऐलान किया था, जो 27 अगस्त से प्रभावी होने वाला है। ऐसे में भारत पर कुल मिलाकर अब 50 फीसदी टैरिफ हो जाएगा। इसके चलते सेंसेक्स-निफ्टी की शुरुआत तेज गिरावट के साथ हुई और बीएसई सेंसेक्स जहां 570 अंकों से ज्यादा फिसल गया, तो वहीं एनएसई निफ्टी 170 अंक तक टूट गया।
अमेरिकी सरकार ने भारत से होने वाले आयात पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने वाला आॅफिशियल नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। जुर्माने के तौर पर लगाया गया यह टैरिफ भारतीय समय के अनुसार 27 अगस्त को सुबह 9:31 बजे से लागू हो जाएगा। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 6 अगस्त को रूस से तेल खरीद पर जुर्माने के तौर पर इस टैरिफ का ऐलान किया था।
शेयर मार्केट में मंगलवार को कारोबार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स इंडेक्स अपने पिछले बंद 81,635.91 की तुलना में बुरी तरह फिसलते हुए 81,377.39 पर खुला। इसके बाद इसमें गिरावट और बढ़ गई और महज 10 मिनट के कारोबार के बाद ही सेंसेक्स गिरकर 81,063.26 पर कारोबार करता दिखा।
सेंसेक्स के जैसा ही असर निफ्टी इंडेक्स पर भी देखने को मिला और एनएसई का ये इंडेक्स अपने पिछले बंद 24,967.75 के मुकाबले टूटकर 24,899.50 पर ओपन होने के बाद अचानत 200 अंक से ज्यादा फिसलकर 24,763 के लेवल पर कारोबार करता हुआ नजर आया।
ब्रोकरेज फर्मों के अनुसार, अमेरिकी टैरिफ का सबसे ज्यादा असर कपड़ा, इंजीनियरिंग गुड्स, लेदर और कैमिकल्स जैसी कंपनियों पर पड़ सकता है, जिनकी अमेरिकी बाजार में बड़ी हिस्सेदारी है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर वैकल्पिक बाजार तलाशने और घरेलू खपत को बढ़ावा देने के ठोस कदम जल्द नहीं उठाए गए, तो इसका असर आने वाले तिमाहियों में कॉरपोरेट आय और बाजार की चाल पर और गहरा हो सकता है।