गश्ती दल ने बनाया वीडियो, सोशल मीडिया अकाउंट पर किया पोस्ट
By: Gulab rohit
Nov 21, 202510:28 PM
नर्मदापुरम। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (एसटीआर) के मढ़ई कोर क्षेत्र में गुरुवार को बफर जोन से बाघिन पहुंची है। बफर क्षेत्र से कोर क्षेत्र में पहुंचने के लिए बाघिन को करीब 200 मीटर चौड़ी देनवा नदी को तैरना पड़ा।
पेट्रोलिंग पर निकले एसटीआर के जंगल गश्ती दल ने तैरते टाइगर को कैमरे में कैद कर लिया। रोमांचित करने वाले इस वीडियो को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व ने अपने सोशल मीडिया पेज पर पोस्ट किया। जिसके कैप्शन में लिखा बाघ एक बार में कई किलोमीटर तक तैर सकते हैं। बाघ एक अच्छा तैराक होता है। जिसे तैरना काफी पसंद होता है।
अक्सर नदी पार करते दिखते हैं वन्यजीव
एसटीआर के मुताबिक तवा डैम में आकर देनवा नदी समाहित होती है। डैम का बैक वॉटर मढ़ई तक कोर और बफर क्षेत्र में फैला हुआ है। दोनों तरफ के जंगलों से वन्यप्राणी नदी पार कर आवागमन करते रहते हैं। जो कई गश्ती दल को यह दृश्य देखने को मिलते है।रेंजर राहुल उपाध्याय ने बताया गुरुवार को टीम जब गश्ती कर रही थी, तब उन्हें एक बाघिन नदी में तैरते हुए मढ़ई कोर क्षेत्र में जाते दिखाई दी। टाइगर के कोर जोन में आने के बाद से दोनों तरफ के जंगल गश्ती दल सतर्क होकर उसकी सुरक्षा और मॉनीटरिंग में लग गए हैं।
बाघ अच्छा तैराक होता है
फील्ड डायरेक्टर राखी नंदा ने बताया बाघ एक अच्छा तैराक होता है। उसे तैरना पसंद है, वह कई मीलों तक तैरते हुए पाए गए हैं। बाघ के पंजे और उसकी मांसल शरीर को तैरने की क्षमता प्रदान करता है। बाघ को कई दूरी तक वो आसानी से तैर सकता है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के क्षेत्र में देनवा नदी और तवा डैम के बैकवाटर में पर्याप्त पानी है।
घास के बढ़ते मैदानों में टाइगर का बसेरा
एसटीआर के कोर क्षेत्र से वन ग्रामों के विस्थापन के बाद खाली गांव घास के मैदान बन गए हैं। यहां घास खाने के लिए हिरण, चीतल, सांभर जैसे वन्यप्राणी का जमाबड़ा रहता है। यहां टाइगर को भी शिकार आसानी से मिल जाता हैं। इसलिए कई टाइगर ने यहां बसेरा बना लिया है। मैदानों के आसपास नदी, प्राकृतिक जल स्त्रातों से पानी भी मिल जाता है।