संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हो रहा है। इस मानसून सत्र में सरकार आठ नए विधेयक पेश करेगी। इनमें मणिपुर में राष्ट्रपति शासन से जुड़ा विधेयक भी शामिल है। वहीं सत्र के दौरान बिहार की मतदाता सूची के रिवीजन को लेकर चलाए जा रहे विशेष अभियान को लेकर हंगामे के आसार हैं।
By: Arvind Mishra
Jul 16, 20254 hours ago
संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हो रहा है। इस मानसून सत्र में सरकार आठ नए विधेयक पेश करेगी। इनमें मणिपुर में राष्ट्रपति शासन से जुड़ा विधेयक भी शामिल है। वहीं सत्र के दौरान बिहार की मतदाता सूची के रिवीजन को लेकर चलाए जा रहे विशेष अभियान को लेकर हंगामे के आसार हैं। विपक्ष मतदाता सूची को लेकर चुनाव आयोग और सरकार को कठघरे में खड़ा करने में करेगा। इसके साथ ही आपरेशन सिंदूर को लेकर भी विपक्ष सरकार पर हमलावर है। वैसे तो विदेशी समर्थन जुटाने के लिए कई देशों में गए प्रतिनिधिमंडलों में सर्वदलीय एकता दिखी थी, लेकिन विपक्ष के मन में कई सवाल हैं। खासकर सीडीएस के बयान के बाद भारत को हुए नुकसान और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के मध्यस्थता के अनगिनत दावों के बाद विपक्ष ज्यादा आक्रामक है। हालांकि विपक्ष के तमाम सवालों की हवा निकालने के लिए सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले और आपरेशन सिंदूर को लेकर चर्चा के लिए तैयार रहने की बात कह चुकी है।
सरकार मणिपुर में राष्ट्रपति शासन बढ़ाने पर विचार कर रही है। इससे साफ है कि सरकार की इस उत्तर पूर्वी राज्य में फिलहाल राष्ट्रपति शासन हटाने की कोई योजना नहीं है। मणिपुर में 13 फरवरी को राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था। राष्ट्रपति शासन के लिए सरकार को हर छह महीने में संसद की मंजूरी लेनी होती है। फिलहाल राज्य में राष्ट्रपति शासन की समय सीमा 13 अगस्त है।
संसद सत्र के दौरान सरकार मणिपुर वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2025, जन विश्वास (संशोधन) विधेयक 2025, भारतीय संस्थान प्रबंधन (संशोधन) विधेयक 2025, कराधान विधि (संशोधन) विधेयक 2025, भू-विरासत स्थल एवं भू-अवशेष (संरक्षण एवं रखरखाव) विधेयक 2025, खान एवं खान (विकास एवं विनियमन) संशोधन विधेयक 2025, राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2025 और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक 2025 को लोकसभा में पेश और पारित करा सकती है।
एक ऐसा मुद्दा है जिस पर पक्ष और विपक्ष साथ आ सकते हैं। वो है दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने का प्रस्ताव। सरकार ने इसके लिए विपक्ष से संपर्क साधा है और विपक्ष ने साथ देने का भरोसा दिया है। लोकसभा के 100 सांसदों के हस्ताक्षर जुटाए जा रहे हैं और जस्टिस वर्मा को हटाने का प्रस्ताव रखा जा सकता है। इसके बाद स्पीकर एक जांच कमेटी के गठन को हरी झंडी दे सकते हैं। वैसे विपक्ष ये भी कह रहा है कि लगे हाथ इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर यादव को हटाने के प्रस्ताव पर भी विचार किया जाए।