अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के रूस से तेल खरीदने पर संभावित रोक की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे एक अच्छा कदम बताया। हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि वे इस जानकारी की सच्चाई को लेकर निश्चित नहीं हैं।
By: Arvind Mishra
Aug 02, 202513 hours ago
नई दिल्ली/वॉशिंगटन। स्टार समाचार वेब
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के रूस से तेल खरीदने पर संभावित रोक की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे एक अच्छा कदम बताया। हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि वे इस जानकारी की सच्चाई को लेकर निश्चित नहीं हैं। ट्रंप से पूछा गया कि क्या भारत पर कोई विशेष जुर्माना लगाया जाएगा या क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कोई बातचीत होने वाली है। इस पर ट्रंप ने कहा-मैंने सुना है कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा। मुझे नहीं पता कि यह सही है या गलत। यह एक अच्छा कदम है। देखते हैं क्या होता है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन रिपोर्टों का स्वागत किया, जिनमें कहा गया है कि भारत संभवत: रूस से कच्चे तेल की खरीद बंद कर सकता है। उन्होंने इस संभावना को एक अच्छा कदम बताया, हालांकि यह भी माना कि उन्हें इस बात की सही जानकारी नहीं है कि यह खबर कितनी सटीक है।
दरअसल, भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है और पश्चिमी प्रतिबंधों के बाद 2022 से रूस से रियायती दरों पर तेल खरीद रहा है। हालांकि हालिया मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक भारतीय सरकारी तेल कंपनियों ने फिलहाल रूस से खरीद रोक दी है। इसका कारण रूस द्वारा दी जा रही छूट में कमी और शिपिंग से जुड़ी समस्याएं हैं। हालांकि भारत सरकार ने अब तक इस पर आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
ट्रंप ने पिछले हफ्ते भारत पर व्यापारिक बाधाओं और रूस से तेल और हथियार खरीद जारी रखने को लेकर आलोचना की थी। उन्होंने ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में भारत पर उचित व्यापार व्यवहार न करने और अत्यधिक टैरिफ लगाने की बात कही थी। वहीं, व्हाइट हाउस ने भारत से अमेरिका आने वाले सभी सामानों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। साथ ही रूस के साथ जारी ऊर्जा व्यापार को लेकर जुमार्ने की भी घोषणा की है।
भारत सरकार की ओर से विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इन घटनाक्रमों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत और रूस के संबंध लंबे समय से स्थिर और परखे हुए हैं। उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत-अमेरिका संबंध साझा हितों, लोकतांत्रिक मूल्यों और जन-जन के जुड़ाव पर आधारित हैं और इस विश्वास के साथ कहा कि मौजूदा तनावों के बावजूद दोनों देशों के रिश्ते आगे बढ़ते रहेंगे।