पीएम नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने पर एक वर्ष तक चलने वाले स्मरणोत्सव का शुभारंभ किया है। इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में आयोजित वंदे मातरम के पूर्ण संस्करण के सामूहिक गायन में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने एक स्मारक डाक टिकट और सिक्का भी जारी किया।
By: Arvind Mishra
Nov 07, 202512:32 PM

नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
पीएम नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने पर एक वर्ष तक चलने वाले स्मरणोत्सव का शुभारंभ किया है। इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में आयोजित वंदे मातरम के पूर्ण संस्करण के सामूहिक गायन में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने एक स्मारक डाक टिकट और सिक्का भी जारी किया। वहीं समारोह को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि वंदे मातरम, ये शब्द एक मंत्र है, एक ऊर्जा है, एक स्वप्न है, एक संकल्प है। वंदे मातरम, ये शब्द मां भारती की साधना है, मां भारती की आराधना है। वंदे मातरम, ये शब्द हमें इतिहास में ले जाता है, ये हमारे वर्तमान को नए आत्मविश्वास से भर देता है, और हमारे भविष्य को ये नया हौसला देता है कि ऐसा कोई संकल्प नहीं जिसकी सिद्धि न हो सके, ऐसा कोई लक्ष्य नहीं जिसे हम भारतवासी पा न सकें। पीएम मोदी ने कहा- जब दुश्मन ने आतंक के जरिए भारत की सुरक्षा और सम्मान पर हमला करने का दुस्साहस किया, तो पूरी दुनिया ने देखा, नया भारत मानवता की सेवा के लिए कमला और विमला बना, तो आतंक के विनाश के लिए दुर्गा भी बनना जानता है।

गुलामी के उस कालखंड में वंदे मातरम इस संकल्प का उद्घोष बन गया था और वह उद्घोष था- भारत की आजादी का, मां भारती के हाथों से गुलामी की बेड़िया टूटेगी और उसकी संतानें स्वयं अपने भाग्य की भाग्य विधाता बनेगी। गुलामी के कालखंड में जिस तरह अंग्रेज भारत को नीचा और पिछड़ा बताकर अपने शासन को सही ठहराते थे, इस पहली पंक्ति ने उस दुष्प्रचार को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया। इसलिए, वंदे मातरम न केवल आजादी का गीत बना, बल्कि वंदे मातरम ने करोड़ों देशवासियों के सामने स्वतंत्र भारत कैसा होगा, वह सुजलाम सुफलाम सपना भी प्रस्तुत किया।
पीएम मोदी ने कहा कि 7 नवंबर 2025, का दिन बहुत ऐतिहासिक है। आज हम वंदे मातरम के 150वें वर्ष का महाउत्सव मना रहे हैं। यह पुण्य अवसर हमें नई प्रेरणा देगा, कोटि कोटि देशवासियों को नई ऊर्जा से भर देगा। इस दिन को इतिहास की तारीख में अंकित करने के लिए आज वंदे मातरम पर एक विशेष सिक्का और डाक टिकट भी जारी किए गए हैं। मैं देश के लाखों महापुरुषों को, मां भारती की संतानों को, वंदे मातरम के लिए जीवन खपाने के लिए आज श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं और देशवासियों को हार्दिक बधाई देता हूं।
मोदी ने कहा-गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने एक बार कहा था कि बंकिमचंद्र की आनंदमठ सिर्फ एक उपन्यास नहीं है, यह स्वाधीन भारत का एक स्वप्न है। आनंदमठ में वंदे मातरम का प्रसंग, उसकी हर पंक्ति, बंकिम बाबू के हर शब्द और हर भाव, सभी के अपने गहरे निहितार्थ थे, और आज भी हैं। इस गीत की रचना गुलामी के कालखंड में हुई, लेकिन इसके शब्द कभी भी गुलामी के साए में कैद नहीं रहे। वे गुलामी की स्मृतियों से सदा आजाद रहे। इसी कारण वंदे मातरम हर दौर में, हर काल में प्रासंगिक है। इसने अमरता को प्राप्त किया है।

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 वें वर्ष स्मरणोत्सव समारोह का शुभारंभ शुक्रवार को किया। दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल मंगुभाई पटेल भोपाल राजभवन से वर्चुअली शामिल हुए। इस अवसर पर राज्यपाल के प्रमुख सचिव डॉ. नवनीत मोहन कोठारी, अपर सचिव उमाशंकर भार्गव, जनजातीय प्रकोष्ठ की सचिव मीनाक्षी सिंह सहित राजभवन के अधिकारी उपस्थित थे।