मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले के वारासिवनी की जनपद अध्यक्ष का निर्वाचन अमान्य और शून्य घोषित कर दिया गया है। जिला दंडाधिकारी ने यह फैसला दिया है। वहीं अब छिंदवाड़ा जिला पंचायत अध्यक्ष पर अनुसूचित जाति का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर आरक्षित सीट से चुनाव लड़ने और जीतने का दावा किया जा रहा है।
By: Star News
Jun 06, 20259 hours ago
भोपाल। मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले के वारासिवनी की जनपद अध्यक्ष का निर्वाचन अमान्य और शून्य घोषित कर दिया गया है। जिला दंडाधिकारी ने यह फैसला दिया है। वहीं अब छिंदवाड़ा जिला पंचायत अध्यक्ष पर अनुसूचित जाति का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर आरक्षित सीट से चुनाव लड़ने और जीतने का दावा किया जा रहा है। जहां सरकार ने कलेक्टर से रिपोर्ट तलब की है। अगर जाति प्रमाण पत्र फर्जी निकला तो कुर्सी जाना तय है।
दरअसल, 2022 में हुए त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में झूठे शपथ पत्र के सहारे जनपद अध्यक्ष बनने के एक प्रकरण में जिला दंडाधिकारी मृणाल मीना ने अपनी न्यायालय में वारासिवनी जनपद अध्यक्ष का निर्वाचन अमान्य और शून्य घोषित करने फैसला दिया है। आलेझरी निवासी जितेंद्र सिंह राजपूत ने जनपद पंचायत वारासिवनी के पद पर निर्वाचन को अवैध एवं शून्य घोषित करने की मांग रखी थी। साथ ही जनपद अध्यक्ष माया ऊइके पर फर्जी तरीके से चुनाव लड़ने का आरोप लगाया था।
जिला कलेक्टर व दंडाधिकारी मीना ने मप्र पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 की धारा 36(2) (क) के प्रावधानों के अनुसार अनावेदिका उक्त पद धारण करने के लिए पात्र नहीं माना। न्यायालय यह घोषित करता है कि अनावेदिका माया उड़के का निर्वाचन जनपद पंचायत वारासिवनी के क्षेत्र क्र. 01 के सदस्य के रूप में एवं तत्पश्चात अध्यक्ष, जनपद पंचायत वारासिवनी पर विधिसम्मत अर्हताओं के अभाववश मप्र पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 की धारा 36(3) के अंतर्गत निर्हरता के कारण अमान्य एवं शून्य घोषित किया जाता है। आदेश पारित होने की तिथि से रिक्त घोषित किया जाता है। साथ ही संबंधित प्राधिकारी को निर्देशित किया जाता है कि वह इन रिक्तियों के परिप्रेक्ष्य में पंचायत निर्वाचन नियमों के अंतर्गत वैधानिक कार्यवाही करें।
इधर, छिंदवाड़ा जिला पंचायत अध्यक्ष संजय पुन्हार पर अनुसूचित जाति का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर आरक्षित सीट से चुनाव लड़ने और जीतने का आरोप है। वहीं मुख्यमंत्री कार्यालय ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को जांच के निर्देश जारी कर दिए हैं। गृह विभाग ने भी कलेक्टर को आदेश भेज दिया है। साथ ही जांच प्रक्रिया सुनिश्चित करने और रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। अगर जांच में प्रमाण पत्र फर्जी पाया जाता है तो संजय पुन्हार की जिला पंचायत अध्यक्ष पद की सदस्यता रद्द हो जाएगी और चुनाव निरस्त कर दिया जाएगा। ये मामला तब सामने आया जब नन्हेराम गोहिया समेत अन्य शिकायतकर्ताओं ने 16 अप्रैल 2025 को मुख्यमंत्री कार्यालय को एक लिखित शिकायत दी।शिकायत में दावा किया गया कि संजय पुन्हार ने अनुसूचित जाति का फर्जी प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर जिला पंचायत की आरक्षित सीट से चुनाव लड़ा और जीता। इधर,संजय पुन्हार ने कहा कि मुझे इस विषय में कोई आदेश नहीं मिला है। अगर ऐसी कोई कार्रवाई होती है, तो मैं हाईकोर्ट में चुनौती दूंगा।