सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के बाद विजय शाह की याचिका पर मध्य प्रदेश राज्य को नोटिस जारी किया जो पहले से कोर्ट में मौजूद राज्य की वकील ने स्वीकार कर लिया।
By: Prafull tiwari
May 19, 20254 hours ago
भोपाल। कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में एफआईआर का सामना कर रहे मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह मुश्किलों में घिरते जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई करते हुए जहा उनके माफीनाम को नामंजूर कर दिया है तो वहीं मामले की जांच एसआईटी से कराने के निर्देश दे दिए है। हालांकि कोर्ट ने जांच में सहयोग करने की शर्त पर फिलहाल विजय शाह की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है लेकिन उनकी टिप्पणियों पर बेहद आपत्ति जताई। कोर्ट ने कहा कि बयान से पूरा देश शर्मसार है।
बता दें कि विजय शाह ने विवादित बयान के बाद जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश के बाद उनके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई की। लेकिन उन्हें यहां भी राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने विजय शाह के खिलाफ तीन वरिष्ठ आइपीएस अधिकारियों की एसआइटी से जांच कराने के आदेश दिये हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के बाद विजय शाह की याचिका पर मध्य प्रदेश राज्य को नोटिस जारी किया जो पहले से कोर्ट में मौजूद राज्य की वकील ने स्वीकार कर लिया। कोर्ट ने कहा कि विजय शाह का बयान देखने और एफआइआर देखने के बाद उनका मानना कि मामले की जांच तीन वरिष्ठ आइपीएस अधिकारियों की एसआईटी द्वारा की जानी चाहिए। इसके साथ ही पीठ ने मामले की जांच तीन वरिष्ठ आइपीएस अधिकारियों की एसआइटी (स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम) से कराने के आदेश दिये।
इस बयान से बढ़ी विजय शाह की मुश्किलें
मंत्री विजय शाह की मुश्किलें 11 मई को उनके द्वारा दिए गए बयान से बढ़ी हैं। उन्होंने महू के रायकुंडा गांव में एक कार्यक्रम में आॅपरेशन सिंदूर को लेकर मंच से बयान दिया था। उन्होंने नाम लिए बिना कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकियों की बहन बता दिया था। उन्होंने कहा था कि, उन्होंने कपड़े उतार-उतार कर हिंदुओं को मारा और मोदी जी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी तैसी करने उनके घर भेजा।''
हाई कोर्ट ने लिया था संज्ञान
मंत्री का वीडियो वायरल हुआ तो जबलपुर हाईकोर्ट ने इस पर स्वत: संज्ञान लिया। हाईकोर्ट ने 14 मई को 4 घंटे में मंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए। हालांकि मामले में ऋकफ तो दर्ज हुई, लेकिन हाईकोर्ट ने एफआईआर को खाना पूर्ति बताया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि अब इस मामले में कोर्ट ही पुलिस जांच की निगरानी करेगी। हाईकोर्ट ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में भी कैविएट दायर की है। यानी आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के मामले को भी सुना जाएगा।