इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संभल में तालाब की जमीन पर बनी मस्जिद के मामले में कमेटी की याचिका खारिज कर दी। 2 अक्टूबर को प्रशासन ने शुरू की थी बुलडोजर कार्रवाई। जानें जस्टिस दिनेश पाठक की बेंच का फैसला और मस्जिद कमेटी को निचली अदालत में अपील करने का निर्देश।
By: Ajay Tiwari
Oct 04, 20254:33 PM
इलाहाबाद. स्टार समाचार वेब
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संभल जिले में तालाब और सरकारी जमीन पर बने कथित अवैध निर्माण के मामले में मस्जिद कमेटी की याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कमेटी को किसी भी राहत के लिए ट्रायल कोर्ट (निचली अदालत) में अपील दायर करने का निर्देश दिया है, जिससे ध्वस्तीकरण कार्रवाई पर किसी भी तरह की अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया गया है।
कोर्ट में अवकाश के बावजूद, जस्टिस दिनेश पाठक की सिंगल बेंच ने इस अर्जेंट मामले की सुनवाई की। मस्जिद शरीफ गोसुलबारा रावां बुजुर्ग और उसके मुतवल्ली की ओर से ध्वस्तीकरण आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
मस्जिद कमेटी ने दलील दी कि कार्रवाई बिना उचित नोटिस के शुरू की गई, जबकि राज्य सरकार की ओर से तर्क दिया गया कि जमीन सरकारी और तालाब की है, जिस पर अवैध निर्माण किया गया था। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कमेटी की याचिका निरस्त करते हुए उन्हें ट्रायल कोर्ट में अपील करने की सलाह दी।
संभल प्रशासन ने 2 अक्टूबर (गांधी जयंती और दशहरा) के दिन बुलडोजर कार्रवाई शुरू की थी। इस दौरान बारात घर को तालाब की जमीन पर अवैध मानते हुए ध्वस्त कर दिया गया। प्रशासन का दावा है कि मस्जिद का भी कुछ हिस्सा सरकारी जमीन पर है। विरोध में मस्जिद कमेटी ने बुलडोजर कार्रवाई से पहले ही अवैध हिस्से को खुद हथौड़े से तोड़ना शुरू कर दिया था। कमेटी ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने कार्रवाई के दौरान भीड़ जमा होने से संभावित बड़े हादसे या बवाल को अनदेखा किया।