रीवा के संजय गांधी अस्पताल में छह दिनों में 20 हजार से ज्यादा मरीज पहुंचे, जिनमें बच्चों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। कोविड जैसे लक्षण, स्क्रब टायफस, वायरल, टायफाइड और हैजा के केस सामने आ रहे हैं। मेडिसिन और पीडियाट्रिक वार्ड मरीजों से भरे पड़े हैं।
By: Star News
Aug 24, 2025just now
हाइलाइट्स
रीवा, स्टार समाचार वेब
मौसम में बदलाव ने संजय गांधी अस्पताल को मरीजों से पाट दिया है। मेडिसिन और पीडियाट्रिक वार्ड मरीजों से फुल हो गए हैं। सिर्फ 6 दिनों में रिकार्ड तोड़ 20 हजार से अधिक मरीज ओपीडी पहुंचे। 1800 मरीज भर्ती हुए हैं। बीमारी के लक्षण भी बदल गए हैं। बुखार उतर नहीं रहा है। कोविड जैसे लक्षण वाले मरीज शिशु रोग विभाग में ज्यादा पहुंच रहे हैं। स्क्रब टाइफस के भी मरीज मिले हैं। अस्पताल मरीजों से फुल चल रहा है।
ज्ञात हो कि हरछठ, जन्माष्टमी और रविवार की छुट्टियों के बाद सोमवार से अस्पताल में जो भीड़ उमड़नी शुरू हुई तो यह घटी ही नहीं। पूरे सप्ताह संजय गांधी अस्पताल की ओपीडी फुल ही चली। अस्पताल में सिर्फ ओपीडी का हाल ही ऐसा नहीं रहा। आईपीडी भी क्षमता से ज्यादा रही। सिर्फ 6 दिनों में 20801 मरीज ओपीडी पहुंचे। वहीं 1834 मरीज अस्पताल में भर्ती हुए। इससे बीमारी की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है। मेडिसिन और बच्चा वार्ड में सर्वाधिक मरीज पहुंचे। मेडिसिन में अकेले 4 हजार से अधिक मरीज ओपीडी पहुंचे थे। वहीं 500 से अधिक मरीज भर्ती हुए। इसी तरह बच्चा वार्ड में करीब 1400 ओपीडी में मरीज पहुंचे और 300 से अधिक भर्ती हुए। अभी बीमारी का सिलसिला जारी है। मरीजों की संख्या घट नहीं रही है।
बच्चों में ऐसे दिख रहे लक्षण जिससे डॉक्टर भी हैरान
शिशु रोग विभाग में गंभीर बीमारियों का लक्षण लेकर बच्चे पहुंच रहे हंै। इसमें टायफाइड, हैजा, स्क्रब टायफस, वायरल इन्फेक्शन के मामले ज्यादा पहुंच रहे हैं। बच्चों में कोविड से मिलता जुलता वायरल इन्फेक्शन देखने को मिल रहा है। बच्चों में तेज बुखार आ रहा है। लग्स में भी इन्फेक्शन लेकर बच्चे पहुंच रहे हैं। ऐसे बच्चों की संख्या ज्यादा है। उल्टी दस्त और टायफाइड के मरीज भी तेजी से पहुंच रहे हैं। बारिश में गंदा पानी पीने से ज्वाइंडिस की चपेट में बच्चे आ रहे हैं। इसके मरीज सालभर बने रहते हैं। वर्तमान समय में ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं।
स्क्रब टायफस के भी मरीज पहुंच रहे हैं, हल्के में न लें इसे
संजय गांधी अस्पताल के बच्चा वार्ड में स्क्रब टायफस से संक्रमित बच्चे भी पहुंच रहे हैं। यह पिस्सू के काटने से फैलने वाली बीमारी है। इसमें संक्रमित बच्चों को अचानक तेज बुखार के साथ ठंड लगता है। सिरदर्द, शरीर में दर्द और लिम्फ नोड्स में सूजन आ जाता हैै। जिस जगह पर चिगर्स काटते हैं वहां एक काली पपड़ी विकसित हो जाती है। इस बीमारी से ग्रसित बच्चों के शरीर पर दाने भी आ जाते हैं।
मौसम के बदलाव के कारण ही मरीज बढ़ रहे हैं। बारिश के बाद गर्मी फिर ठंडी बढ़ने से मौसम में जो उतार चढ़ाव आ रहा है। उसके कारण ही वायरल इन्फेक्शन बढ़ रहा है। ज्यादातर मरीज वायरल के आ रहे हैं। कुछ मरीज डेंगू के भी आ रहे हैं।
डॉ अनुराग चौरसिया, मेडिसिन विशेषज्ञ संजय गांधी स्मृति चिकित्सालय, रीवा
बारिश के समय में मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। इस समय कोविड के जैसे लक्षण वाले मरीज ज्यादा आ रहे हैं। जिनमें लग्न इन्फेक्शन भी सामने आ रहा है। इसके अलावा उल्दी, दस्त के मरीज भी अधिक पहुंच रहे हैं। टायफाइड, हैजा, ज्वाइंडिस के पीड़ित बच्चों की संख्या ज्यादा है। वायरल इन्फेक्शन, स्क्रब टायफस से भी ग्रसित बच्चे पहुंच रहे हैं।
डॉ नरेश बजाज, शिशु रोग विशेषज्ञ संजय गांधी स्मृति चिकित्सालय, रीवा
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