सीएम हेल्पलाइन का ऐसा समाधान? सतना नगर निगम की लापरवाही फिर उजागर हुई! वार्ड नंबर 10 में जलभराव की शिकायत की गई, लेकिन समाधान में बताया गया कि अवैध मांस-मुर्गा दुकानें हटा दी गईं। समस्या जस की तस बनी हुई है। सीएम हेल्पलाइन में गुमराह कर फोर्स क्लोज की जा रही हैं शिकायतें। पढ़ें पूरी रिपोर्ट और जानिए कैसे अधिकारी कर रहे हैं जनता की अनदेखी।
By: Yogesh Patel
Jul 14, 20254 hours ago
सतना, स्टार समाचार वेब
बिना कार्यालयों के चक्कर लगाए आम जनमानस की समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा प्रारंभ की गई सीएम हेल्प लाइन योजना स्थानीय अधिकारियों-कर्मचारियों कर उदासीनता का दंश भोग रही है। हालात यह हैं कि जिन कर्मचारियों पर समस्याओं को जल्द से जल्द निराकृत करने का जिम्मा है,वे औपचारिकता निभाकर शिकायत को बंद कराने सरकार तक को गुमराह कर रहे हैं, नतीजतन सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ आमजनों को नहीं मिल पा रहा है। शिकायतों का निराकरण स्थानीय स्तर पर किस प्रकार से किया जा रहा है इसका एक नमूना 19 मई को वार्ड नंबर 10 की एक शिकायत को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है, जिसमें समस्या कुछ बताई गई लेकिन उच्च स्तर पर किसी अन्य समस्या का निराकरण बताकर शिकायत को बंद करा दिया।
समाधान के बाद भी समस्या जस की तस
दरअसल वार्ड क्र. 10 निवासी रामकलेश त्रिपाठी ने 19 मई को वार्ड में नाली जाम और क्षतिग्रस्त सड़क में पानी भरने की शिकायत सीएम हेल्पलाइन (शिकायत क्र.32407580) में की थी।आरोप हैं कि समस्या का निदान करने के बजाय नगर निगम के जमीनी अमले ने 23 जून को इस टीप के साथ समस्या के समाधान की जानकारी नगरीय प्रशासन विभाग को भेजी कि शिकायत स्थल से अवैध मांस मुर्गा विक्रय दुकान को बंद कर दिया गया है। ‘समाधान’ की तस्वीरें संलग्न कर शिकायत को फोर्स क्लोज भी कर दिया गया। अपनी समस्या का ऐसा समाधान पाकर शिकायतकर्ता त्रिपाठी हैरान हैं। विडंबना की बात है कि छायाचित्र संलग्न कर समस्या का जो समाधान किया गया है, उस पर न तो स्थानीय अधिकारियों की नजर पड़ी और न ही भोपाल से शिकायत क्लोज करने के दौरान इस बात का ध्यान दिया गया कि जिसे समाधान बताकर शिकायत को बंद किया जा रहा है, क्या वह शिकायत के अनुरूप है? दिलचस्प बात यह है कि ‘समाधान’ के बावजूद नाली में जल भराव की समस्या अभी भी जस की तस है । नाली साफ नहीं हुई, जिससे पानी का बहाव बंद हो गया और लोग परेशान हैं। इस मामले में कृष्ण त्रिपाठी भी 20 से अधिक शिकायतें कर चुके हैं, लेकिन समस्या जस की तस है। शिकायत कर्ता का कहना है कि जब भी सफाईकर्मियों को सफाई के लिए कहा जाता है तो सफाई दरोगा संजीव बाल्मीक द्वारा चढ़ोत्री मांगी जाती है।