मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल में 52वीं राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी-2025 का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विद्यार्थियों में नवाचारी सोच बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। देशभर से 900 विद्यार्थियों के 240 मॉडल प्रदर्शित।
By: Ajay Tiwari
Nov 18, 20255:44 PM
भोपाल. स्टार समाचार वेब
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को भोपाल में 52वीं राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी-2025 का शुभारंभ करते हुए घोषणा की कि राज्य सरकार विद्यार्थियों में वैज्ञानिक और नवाचारी सोच को बढ़ाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। श्यामला हिल्स स्थित क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान (आर.आई.ई.) में आयोजित इस 6 दिवसीय प्रदर्शनी के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश आधुनिक विज्ञान सहित सभी क्षेत्रों में तेजी से विकास कर रहा है, जिससे भारत ने विश्व में अपनी अलग पहचान बनाई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जिस तरह से मून मिशन और गगनयान जैसे प्रोजेक्ट्स में वैज्ञानिकों के साथ खड़े रहते हैं, वह सभी प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का अवसर देता है। उन्होंने प्राचीन ग्रंथों में वर्णित विद्यार्थियों के छह गुणों— विद्या, तर्क, विज्ञान, स्मृति, तत्परता और क्रियाशीलता—का उल्लेख करते हुए कहा कि इन्हीं गुणों के आधार पर विज्ञान की गति को बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने प्रदर्शनी में आए बाल वैज्ञानिकों को भावी भारत के विक्रम साराभाई, भाभा साहब और कलाम साहब जैसी प्रतिभाओं की झलक बताया।
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) और स्कूल शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस प्रदर्शनी में मुख्यमंत्री डॉ. यादव के द्वार पर पहुँचने पर बाल वैज्ञानिकों द्वारा विकसित एक रोबोट ने उनका स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। इसके बाद उन्होंने स्टॉल्स का अवलोकन किया और बाल वैज्ञानिकों द्वारा विकसित रोबोट और तारामंडल के मॉडल के संबंध में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। यह प्रदर्शनी आगामी 23 नवंबर तक चलेगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भारत की प्राचीन ज्ञान परंपरा को ऋषि-मुनियों के ज्ञान और नवाचारों से समृद्ध बताया। उन्होंने कहा कि ऋषि भारद्वाज का विमान शास्त्र, आर्यभट्ट का शून्य और भास्कराचार्य के ग्रहों की गति का ज्ञान हमारी वैज्ञानिक विरासत के अभिन्न अंग हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री मोदी के प्रयासों से योग की वैश्विक प्रतिष्ठा की भी सराहना की, जिसके कारण आज यूरोप से लेकर साइबेरिया तक लोग योगासन कर रहे हैं।
स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह ने बताया कि विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए प्रदेश के स्कूलों में आईसीटी लैब की संख्या बढ़ाई जा रही है। जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने भी बाल वैज्ञानिकों को शुभकामनाएँ दीं।
इस 52वीं राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी में 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 900 विद्यार्थियों और शिक्षकों द्वारा सामाजिक समस्याओं का समाधान बताने वाले 240 साइंस मॉडल और इनोवेटिव प्रोजेक्ट प्रदर्शित किए गए हैं। प्रदर्शनी का मुख्य विषय "सतत भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी" है। प्रदर्शनी में खाद्य-स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, प्राकृतिक खेती, आपदा प्रबंधन, अपशिष्ट प्रबंधन, परिवहन एवं संचार जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर स्टॉल लगाए गए हैं। बाल वैज्ञानिकों के इस महाकुंभ में उन्हें मैनिट, आईसेक्ट और आईआईएसईआर के वैज्ञानिकों से संवाद करने का अवसर भी मिलेगा।